पौधारोपण के बनते रिकॉर्ड और देखभाल के अभाव में सूखते पौधे
वन विभाग की ओर से मानसून के मौसम में हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं लेकिन उनमें से आधे पौधे देखभाल के अभाव में सूख जाते हैं।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : वन विभाग की ओर से मानसून के मौसम में हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन उनमें से आधे पौधे देखभाल के अभाव में सूख जाते हैं। इस कारण ही जिले में वन क्षेत्र बहुत ही कम है। वर्ष 2018 में 2.15 लाख व 2019 में तो रिकॉर्ड छह लाख 18 हजार 200 पौधे लगाए गए। 2018 में 45 व 2019 में 55 फीसद पौधे संभाल के अभाव में सूख गए। हालांकि वन विभाग का दावा है कि उनकी तरफ से पिछले साल श्री गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर लगाए गए पौधों में से 99 फीसद पौधे वृक्ष बन रहे हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।
विभाग के कर्मचारी लगाए गए पौधों की संभाल अच्छी तरह से नहीं कर पाए। जिस कारण पौधे पेड़ बनने से पहले ही सूख गए। इस साल भी विभाग 2.44 लाख पौधे लगाने जा रहा है। यह मुहिम एक जुलाई से शुरू की जा रही है। लेकिन विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि पौधे लगाने के लिए जगह नहीं है। पौधारोपण के लिए जिले में मात्र दो फीसद ही जगह है। ऐसे में पौधा रोपण मुहिम तो शुरू होने से पहले ही फ्रंटफुट आ गिरी है। दस एकड़ जमीन में लगेंगे पौधे
जिले के विभिन्न हिस्सों से मिलाकर कुल दस एकड़ जमीन में पौधे लगाए जाएंगे। इससे पहले श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में जिले के 1124 गांवों व शहरी क्षेत्रों में पौधे लगाए गए थे। इस कारण 2019 में 200 एकड़ जमीन में विभिन्न स्थानों पर पौधे रोपण किए गए थे। वहीं 55 फीसद पौधों के नष्ट होने के कारण लाखों रुपये का विभाग को नुकसान हुआ है। अधिकतर लगने वाले पौधे व नर्सरी से रेट
नीम का पेड़ - 70
बरगद का पेड़ - 250
तुलसी - 90
पीपल - 250
एलोवेरा - 70
सनेक प्लांट - 150
नीम ट्री - 150
ओरचिट्स - 150
ओरेंज जेबरा - 200
गुलाब के फूल -- 50
(कीमत प्रति पौधे रुपये में)
पौधों की अच्छी तरह से की जाएगी संभाल : जरनैल सिंह
वन जिला अधिकारी जरनैल सिंह बाठ ने कहा कि विभाग की ओर से लगाए गए पौधों की संभाल उनके कर्मचारी अच्छे ढंग से कर रहे हैं। फिलहाल पौधों के लिए जगह कम है, लेकिन जहां पौधे लगाए गए हैं, वहां उनकी संभाल ठीक तरह से हो रही है।