पूरी हुई आस और बुझेगी गुरु दर्शन की प्यास, लोग बोले- कॉरिडोर बनने से मिटेंगी दूरियां
श्री करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा से डेरा बाबा नानक के लोग बेहद खुश है। उनका कहना है कि इससे वर्षों की अास पूरी हुई है और अब गुरु दर्शन की प्यास बुझे्गी।
विनय कोछड़, डेरा बाबा नानक (बटाला)। 71 वर्ष से भारत-पाकिस्तान की आपसी दूरी को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इस पर वहां के स्थानीय लोगों खासकर बुजुर्गो में खासा खुशी है। लोगों ने कहा कि उनकी बरसों पुरानी आस पूरी हो गई है, अब गुरु दर्शन की प्यास बुझेगी। कुछ ने कहा कि कॉरिडोर खुलने के लिए पीएम मोदी को 'स्पेशल थैंक्स'। उनके इस फैसले ने दिल जीत लिया। इससे दोनों देशों के बीच की दूरियां कम होंगी। आपसी प्यार और व्यापार दोनों बढ़ेंगे।
लोग बोले - 71 वर्ष बाद कॉरिडोर बनने से मिटेंगी दूरियां, बढ़ेगा प्यार और व्यापार
डेरा बाबा नानक की चेक पोस्ट पर लगी दूरबीन से सरहद पार पाकिस्तान में स्थित श्री करतारपुर साहिब में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की सुबह से भीड़ लगी है। यह सिलसिला वीरवार से ही जारी है। अकसर आम दिनों में जहां पर लोग दोपहर के बाद कम ही दर्शन करते हैं, लेकिन वीरवार को शाम तक भीड़ रही। करीब तीन हजार लोग दूरबीन से दर्शन करने पहुंचे। आज भी सुबह से दूरबीन के जरिये श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए लोगों का तांता लगा है। उनमें आम दिनों की बजाय खासा उत्साह दिख रहा है।
दूरबीन से श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की दर्शन करते एक श्रद्धालु।
लोग बोले- बढ़ेगा आपसी भाईचारा
अमृतसर की सुल्तानविंड रोड निवासी मनप्रीत कौर ने बताया कि प्रधानमंत्री के इस फैसले से दोनों को फिर 71 साल बाद एक साथ होने का मौका मिला। इससे अब आपसी भाईचारा बढ़ेगा। अब दोनों देशों की जनता एक साथ मिलजुल कर रहना चाहती है। आज दूरबीन से श्री करतारपुर साहिब के दीदार होते हैं, लेकिन जब कॉरिडोर बन जाएगा तो माथा टेकना आसान हो जाएगा। डेरा बाबा निवासी लाविश ने बताया कि कॉरिडोर बनने से कस्बे का विकास होगा। सरहद पार से लोगों काे आवागमन शुरू होगा।
दूरबीन से श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की दर्शन करता एक श्रद्धालु।
ब्यास की रहने वाली दर्शना सभ्रवाल ने बताया कि वह बचपन में सुना करती थीं कि पाकिस्तान में स्थित श्री करतारपुर साहिब का बहुत महत्व है। 1947 के बंटवारे के बाद मन में हसरत थी कि जिंदगी में एक बार जरूर श्री करतारपुर सहिब में माथा टेकने का अवसर मिले। कॉरिडोर बनता है तो सबसे पहले श्री करतारपुर साहिब जाकर माथा टेकने जाएंगी।
दूरबीन से श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की दर्शन करती एक श्रद्धालु।
बुजुर्गो की बंटवारे से पहले की यादें हुईं ताजा
डेरा बाबा नानक निवासी 80 साल के दीवान सिंह ने बताया कि विभाजन से पहले वह आठ साल के थे। पिता के साथ रोज श्री करतारपुर साहिब में माथा टेकने नाव से जाते थे। प्रधानमंत्री की पहल अच्छी है। इसके साथ ही 90 साल के करतार चंद ने बताया कि तब माहौल अच्छा था, सुबह उठकर श्री करतारपुर साहिब माथा टेकने जाते थे। देव राज टिलो ने बताया, 'मैंने पाकिस्तान के लगभग सभी गांवों में जाकर व्यापार किया है। करतारपुर के पास जितने गांव हैं, वहां गांव-गांव घूम कर सामान बेचा है। विभाजन बाद सब खत्म हो गया। पीएम के फैसले से मेरी उम्र और बढ़ गई है।'