लोगों ने उड़ाई धारा 144 की धज्जियां, डीसी ने लगा दिया कर्फ्यू
कोरोना वायरस को लेकर पंजाब सरकार की ओर से 31 मार्च तक लॉक डाउन कर दिया गया है।
सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर :
कोरोना वायरस को लेकर पंजाब सरकार की ओर से 31 मार्च तक लॉक डाउन कर दिया गया है। इस दौरान पहले जिला प्रशासन की ओर से लोगों के जरूरी सामान सब्जियां, फ्रूट, दवाइयां आदि को खुले रखने की मंजूरी दी गई थी। लेकिन, इस छूट का लोगों ने गलत अर्थ निकालते हुए धारा 144 की धज्जियां उड़ा दी। बिना मतलब के ही भारी संख्या में सड़कों पर घूमने लगे। इसको देखते हुए डीसी मोहम्मद इशफाक ने करीब एक बजे निर्देश जारी कर एक घंटे के भीतर सभी लोगों को अपने घरों में चले जाने का निर्देश देते हुए जिले में पूर्ण तौर पर कर्फ्यू लगा दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा की गई थी। इसका जिले में पूर्ण समर्थन मिला। इसी बीच पंजाब में कोरोना वायरस को लेकर बिगड़ते हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह की ओर से 31 मार्च तक लॉक डाउन कर दिया गया है। इसके बाद डीसी मोहम्मद इशफाक ने लिखित बयान जारी कर लॉक डाउन के दौरान लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सब्जी की दुकानें, किराने की दुकानें, फ्रूट की दुकानें, दूध दही की दुकानें व रेहड़ियां पहले की तरह ही लगाई जा सकती है। लेकिन बाकी सारा बाजार बंद रहेगा और लोगों को बिना वजह अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।
जिला प्रशासन द्वारा लोगों की सुविधा के लिए दी गई छूट को देते हुए सोमवार सुबह से ही अधिकतर लोग बिना किसी जरूरी कार्यों के शहर के माहौल को देखने के लिए सड़कों पर निकल आए। जिला प्रशासन द्वारा उक्त लोगों को घरों में जाने के लिए समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन जब लोग नहीं माने तो डीसी द्वारा दोपहर एक बजे जिले में पूर्ण तौर पर कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई। हालांकि इस दौरान भी लोगों को घरों में जाने व अपनी सब्जी व फलों की दुकानें उठाने के लिए एक घंटे का समय दिया गया। इसके चलते दो बजे के बाद शहर में सड़कें पूरी तरह से खाली हो गई।
डीसी मोहम्मद इशफाक ने बताया कि फिलहाल तो जिला प्रशासन लोगों को कोरोना वायरस के प्रकोप संबंधी जागरूक करके घरों में रहने की अपील कर रहा है, लेकिन अगर लोग नहीं माने तो जिला प्रशासन सख्ती से भी काम लेगा। इसके बाद धारा 188 के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे। जिसमें पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।