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पुराने सिविल अस्पताल में इमरजेंसी सेवा शुरू करने की मांग

पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के समय में गुरदासपुर शहर से तीन किलोमीटर बाहर नए सिविल अस्पताल को शिफ्ट कर दिया गया था। इस कारण लोगों को रात्रि के समय में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 05:11 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 06:52 PM (IST)
पुराने सिविल अस्पताल में इमरजेंसी सेवा शुरू करने की मांग
पुराने सिविल अस्पताल में इमरजेंसी सेवा शुरू करने की मांग

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के समय में गुरदासपुर शहर से तीन किलोमीटर बाहर नए सिविल अस्पताल को शिफ्ट कर दिया गया था। इस कारण लोगों को रात्रि के समय में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रात्रि के समय में ना तो अस्पताल की ओर कोई रिक्शाचालक जाता है, और ना ही ऑटो रिक्शा। इसके चलते रात के समय में किसी मरीज को समस्या आ जाए तो उन्हें मजबूरन इलाज के लिए निजी अस्पतालों में ही जाना पड़ता है। इससे वहां पर मरीजों की आर्थिक लूट भी होती है।

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शक्ति दुर्गा दल के पंजाब प्रधान पवन शर्मा ने डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर विपुल उज्जवल को मांग पत्र में कहा कि जल्द से जल्द गुरदासपुर के पुराने सिविल अस्पताल के अंदर इमरजेंसी सेवाओं को बहाल किया जाए ,ताकि लोगों को मजबूरन 3 किलोमीटर दूर शहर से बाहर ना जाना पड़े।

अस्पताल के बाहर बंद रहती है दवाओं की दुकानें

गुरदासपुर के बबरी में सरकार की ओर से नया अस्पताल बना कर दिया गया है लेकिन रात्रि 8 बजे के बाद अस्पताल के बाहर कोई भी दवा की दुकान नहीं खुली होती। जबकि अस्पताल के अंदर भी कई बार मरीजों को दवाई पूर्ण रुप से नहीं मिलती। इसके चलते रात्रि 8 बजे के बाद अस्पताल की सड़के वीरानगी का रूप धारण कर जाती है।

पहले कुछ समय के लिए चलाई गई थी इमरजेंसी

अकाली-भाजपा सरकार के समय में पूर्व विधायक गुरबचन ¨सह बब्बेहाली ने जैसे ही सिविल अस्पताल को बाहर शिफ्ट किया तो लोगों में अंदर ही अंदर रोष व्याप्त होने लगा। लोगों के रोज को देखते हुए पूर्व विधायक ने गुरदासपुर के पुराने सिविल अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं को बहाल रखा। इसे मौजूदा सरकार के समय में भी बाहर रखा गया लेकिन अब कुछ समय से इमरजेंसी में डॉक्टरों के बैठने का समय तय ना होने के कारण लोग परेशान हैं। लोगों की डिमांड है की अस्पताल की इमरजेंसी के अंदर 24 घंटे किसी डॉक्टर की ड्यूटी रहे ताकि स्थानीय लोग वहां पर इमरजेंसी में अपना इलाज करवा सकें।


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