पैंटून पुल बहा, सात गांवों का शहर से संपर्क कटा
--लोग बोले रोटी के पड़े लाले प्रशासन नहीं दे रहा राशन --सात गांवों के लोगों के लिए एक हेल्थ सेंटर उसमें भी नहीं पहुंच रहे सेहत क र्मी जीआरपी-7891011
शमशेर मिंहास, बहरामपुर : रावी दरिया के पार बसे सात गांवों के लोग कोरोना वायरस के कारण लगाए कर्फ्यू से जहां घरों में बंद हैं। वहीं लोगों को सरकार व प्रशासन द्वारा कोई भी सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही। सात गांवों के लोगों के लिए गांव तूर में एक ही हेल्थ सेंटर बनाया गया हैं। उसमें भी सेहत कर्मी नहीं पहुंच रहे। ऐसे में यदि इस स्थिति में कोई व्यक्ति या बच्चा बीमार पड़ता है तो उसे दरिया पार करके बहरामपुर या गुरदासपुर के सरकारी अस्पताल में लाया जाता है, लेकिन अब शुक्रवार को तेज बारिश के कारण रावी दरिया के मकौड़ा पत्तन पर बने पैंटून पुल का रैंप पानी के तेज बहाव में बह गया, जिस कारण दरिया पार बसे सात गांवों के लोगों का देश से सीधा संपर्क टूट गया है। अब उक्त लोग चारों तरफ से मुश्किलों में घिर गए हैं।
पांच हजार आबादी है सात गांवों में
दरिया पार बसे गांव तूर, चेबे, मम्मी चकरंजा, भरियाल, कुक्कर, लसियान, कजला आदि गांवों में तकरीबन पांच हजार लोग रहते हैं। इन गांवों के लोगों की सेहत जांच के लिए सरकार द्वारा गांव तूर में एक हेल्थ सेंटर खोला गया है। उसमें भी केवल दो सेहत कर्मी ही काम करने के लिए तैनात किए गए हैं। अब कोरोना वायरस के कारण जहां लोगों की सेहत का विशेष ध्यान रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से काम कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ गांव तूर के हेल्थ सेंटर में तैनात सेहत कर्मी पिछले एक सप्ताह से सेंटर में नहीं पहुंच रहे।
रोटी के पड़े लाले
दरिया पार बसे गांवों के लोगों रूप लाल, जतिदर, महिदर, थुरू राम, महंगा सिंह ने बताया कि कर्फ्यू के चलते वे पिछले छह दिनो से अपने घरों में ही बंद हैं। अब उनके घरों में राशन खत्म हो गया है। रोटी के लाले पड़ गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा उन्हें न तो खाद्य समाग्री दी जा रही है और न ही दवाई का कोई इंतजाम हैं। उन्होंने कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी व डीसी गुरदासपुर से मांग की है कि उन्हें राशन उपलब्ध करवाया जाए। ताकि वे अपने बच्चों का पेट पाल सके। डीसी मोहम्मद इशफाक का कहना है कि जिन लोगों को राशन की जरूरत है, वे लोग 70099-89791 व्हएट्सएप नंबर पर मैसेज करके अपने गांव, वार्ड का नाम व पूरी फैमिली के नाम लिखकर भेज दें। उन्हें प्रशासन द्वारा राशन भेज दिया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि दरिया पार बसे गांवों के लोगों को सेहत सुविधा नहीं मिल रही तो उन्होंने कहा कि वे तुरंत सेहत कर्मियों को हेल्थ सेंटर में जाने के लिए कहेंगे तथा पैंटून पुल के रैंप को भी बनाया जाएगा।