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गुरु नगरी डेरा बाबा नानक के लिए सरकार खर्चेगी 159 करोड़ : रंधावा

राज्य सरकार ने डेरा बाबा नानक को गुरु की नगरी का दर्जा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 11:25 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 11:25 PM (IST)
गुरु नगरी डेरा बाबा नानक के लिए सरकार खर्चेगी 159 करोड़ : रंधावा
गुरु नगरी डेरा बाबा नानक के लिए सरकार खर्चेगी 159 करोड़ : रंधावा

महेंद्र ¨सह अर्लीभान, कलानौर :

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राज्य सरकार ने डेरा बाबा नानक को गुरु की नगरी का दर्जा है। इस क्षेत्र में 159 करोड़ रुपये की लागत से बाबा बूढा साहिब के नाम से मार्ग भाई बाला और मरदाना की याद में गेट बनाने का निर्णय लिया है। इससे इस क्षेत्र की नुहार बदल जाएगी। यह बात राज्य के कैबिनेट मंत्री सुख¨वदर ¨सह रंधावा ने रविवार को कही। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार की ओर से इस मामले को लेकर पूरा प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इस क्षेत्र में पैसे इसलिए खर्च किए जा रहे हैं, क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में पाकिस्तान में स्थित ननकाना साहिब के दर्शनों के लिए भारत भर से सिख संगत डेरा बाबा नानक रास्ते से होकर ही पाकिस्तान जाने वाली है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में भाई बाला मरदाना और बाबा बूढा साहिब मार्ग बढ़ाने के लिए क्षेत्र को सरकार की ओर से पैसे जारी किए गए हैं। सरकार को पता है कि ¨हदुस्तान भर से अब सिख डेरा बाबा नानक से होकर गुजरेंगे। ऐसे में भारत से आने वाले लोग गुरु की नगरी की सुंदरता की सराहना करें इसके लिए क्षेत्र में राज्य सरकार ने पूरी अपनी ताकत झोंक दी है।

डेरा बाबा नानक में है गुरु नानक जी का चोला साहिब

विधानसभा क्षेत्र डेरा बाबा नानक में सिख धर्म की पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी ने यहां पर अपना चोला त्यागा था। जिसके चलते डेरा बाबा नानक में भी हर साल एतिहासिक कार्यक्रम दौरान दूर-दूर से सिख संगत यहां पर चोला साहब के दर्शनों के लिए आती है और अब भारत से आने वाले सिख चोला साहिब के दर्शन करने के पश्चात ननकाना साहिब गुरुद्वारा के भी दर्शन करेंगे।

बीएसएफ की हद से 4 किलोमीटर दूरी पर है गुरुद्वारा--

डेरा बाबा नानक से ननकाना साहिब गुरुद्वारा महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जिसको तय करने के लिए संगत महज आधा घंटे का ही समय लगाएगी। बीएसएफ की चेक पोस्ट से ननकाना साहिब के दर्शन करने के लिए क्षेत्र के लोगों में भारी उत्साह भी है।

यह है गुरुद्वारा ननकाना साहिब का इतिहास

पाकिस्तान के जिला नारोवाल तहसील शकरगढ़ लेबर से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जिसे ननकाना साहिब भी कहा जाता है। गुरू नानक देव जी 17 साल 5 महीने 9 दिन तक यहां पर रहे हैं। अंत में ज्योति जोत इसी गुरुद्वारे में ही समाए हैं। बता दें कि गुरु नानक देव जी ने पंचतत्व में विलीन होने से पहले भाई लहना श्री गुरु अंगद देव जी को सिख बनाकर दूसरे गुरु के रुप में गद्दी सौंपी थी और इसी स्थान से किरत करो नाम जपो वंड शको का संदेश भी दिया गया।

212वीं बार की अरदास

दर्शन अभिलाषी संस्था की ओर से गुरुद्वारा ननकाना साहिब का रास्ता खुलने तक रविवार को भी अरदास की गई। इस अरदास में कैबिनेट मंत्री सुख¨वदर ¨सह रंधावा, दर्शन अभिलाषी संस्था के सचिव गु¨रदर ¨सह बाजवा और डीआईजी राजेश शर्मा उपस्थित रहे।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना चौकस : डीआईजी राजेश

डीआईजी बीएसएफ राजेश शर्मा का कहना है कि बीएस एफ की 10वीं बटालियन श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन करवाएगी। श्रद्धालुओं के लिए के कैंटीन पीने के लिए पानी का प्रबंध भी किया गया है। जबकि डेरा बाबा नानक में स्थित गुरुद्वारा परिसर में लंगर भी 24 घंटे खुला रहता है।


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