जिले में नहीं दिखा बंद का कोई असर
केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए सीएए व अन्य कानूनों के विरोध में दल खालसा व शिरोमणि अकाली दल अमृतसर की ओर से शनिवार को दी गई पंजाब बंद की कॉल गुरदासपुर में पूरी तरह से असफल दिखाई दी।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए सीएए व अन्य कानूनों के विरोध में दल खालसा व शिरोमणि अकाली दल अमृतसर की ओर से शनिवार को दी गई पंजाब बंद की कॉल गुरदासपुर में पूरी तरह से असफल दिखाई दी। हालांकि उक्त दोनों दलों से संबंधित नेताओं ने शहर के कुछ हिस्से में रोष मार्च निकाला। उधर जिला प्रशासन द्वारा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।
दल खालसा व शिअद (अ) की ओर से सीएए, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने, राम मंदिर फैसले के विरोध में शनिवार को पंजाब बंद की कॉल दी गई थी। जिसका शुरू से ही विभिन्न हिदू संगठनों की ओर से विरोध किया जा रहा था। एक तरफ यहां सिख संगठनों द्वारा कुछेक जगहों पर प्रेस कांफ्रेंस करके बंद करने का समर्थन करने की अपील की गई। वहीं हिदू संगठनों ने डीसी को मांग पत्र देकर उक्त लोगों पर रोक लगाने व किसी भी तरह की धक्केशाही न होने देने की मांग की थी।
सिख संगठनों द्वारा बंद की कॉल के तहत तिब्बड़ी चौक में स्थित बाबा लाल सिंह कुल्ली वाला गुरुद्वारा साहिब में एकत्र होने के बाद शहर में रोष मार्च निकाला गया। जैसे ही पुलिस प्रशासन को इसकी भनक लगी तो उन्होंने भारी पुलिस बल गुरुद्वारा साहिब के आसपास तैनात कर दिया। यहां पर एसपी (डी) हरविदर सिंह संधू ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उन्हें यहां रूट प्लान दिया। वहीं अपने प्रदर्शन को शांतिपूर्वक निकालने की हिदायत दी। इसके बाद रोष मार्च गुरुद्वारा साहिब से शुरू होकर तिब्बड़ी चौंक, हनुमान चौंक, लाइब्रेरी चौंक, डाकखाना चौक, पुराना अड्डा व परशुराम चौंक में जाकर समाप्त हो गया।
ये रहे प्रदर्शन में शामिल
प्रदर्शन में दल खालसा के जिला प्रधान दिलबाग सिंह, जसविदर सिंह, परमजीत सिंह टांडा, बलदेव सिंह, कुलवंत सिंह, अजीत सिंह, हरपाल सिंह, रघुवीर सिंह, रमनदीप सिंह अदि शामिल थे।
बंद का नहीं दिखा कोई असर
हिदू संगठनों द्वारा सुबह से ही दुकानें खोलने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी दुकानें खोलने के लिए प्रेरित करके तकरीबन सारा शहर खुलवा दिया गया था। जबकि दूसरी तरफ सिख संगठनों द्वारा रोष मार्च के दौरान लोगों से दुकानें बंद करने की अपील की। जिस पर कुछेक दुकानदारों ने उनके सामने एक दो मिनट के लिए शटर बंद कर दिए। जबकि उनके जाते ही फिर से शटर उठा दिए।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
पुलिस प्रशासन द्वारा हिदू और सिख संगठनों द्वारा बंद करने और न करने को लेकर की जा रही बयानबाजी को देखते हुए किसी भी तरह के टकराव को रोकने संबंधी पहले से ही प्रबंध किए गए थे। शहर के हर चौक में पुलिस बल तैनात होने के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों के साथ तीन से चार दर्जन के करीब पुलिस जवान तैनात किए गए थे। फिलहाल सिख संगठनों द्वारा शांतिमयी तरीके से अपना रोष प्रदर्शन को मुकम्मल किया गया। जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।