करतारपुर काॅरिडोर के निर्माण में अब फंसा यह पेंच, सरकार नहीं कर पा रही हल
करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण में समस्या पैदा हो गई है और इसका कार्य शुरू नहीं हो पाया है। दावा चार माह मेें कॉरिडोर को पूरा करने का था, लेकिन भूमि अधिग्रहण भी नहीं हो पाया है।
गुरदासपुर, [बालकृष्ण कालिया]। पाकिस्तान स्थित श्री करतापुर साहिब गुरुद्वारा तक जाने के लिए बनाए जानेवाले कॉरिडोर को लेकर पेंच फंस गया है। इस कारण इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। कॉरिडोर चार महीने में बनाने का दावा किया गया था। लेकिन, हकीकत यह है कि कॉरिडोर का नींव पत्थर रखे ढाई महीने बीत गए हैं लेकिन अभी तक जमीन अधिग्रहण भी शुरू नहीं हो पाया है। किसानों को जमीन के मुआवजे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। सरकार इस मसले को सुलझा नहीं पा रही है।
चार महीने में कॉरिडोर बनाने का दावा, ढाई महीने में जमीन अधिग्रहण भी शुरू नहीं
26 नवंबर 2018 को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने डेरा बाबा नानक में करतारपुर कॉरिडोर का नींव पत्थर रखा था। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया था कि चार महीने में कोरिडोर बना दिया जाएगा। ढाई महीने बीत गए हैं, लेकिन अभी भी किसानों को जमीन के मुआवजे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। किसान कम मुआवजे के विरोध में लगतार प्रदर्शन कर रहे हैं।
करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए संगत को करना पड़ सकता है इंतजार
किसानों की मांग है कि उन्हें भी तरनतारन हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण की तर्ज पर ही एक लाख रुपये मरला के हिसाब से सरकार मुआवजा दे। किसानों और सरकार के बीच चल रही खींचतान में करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए संगत को और इंतजार करना पड़ सकता है।
मुआवजे को लेकर प्रदर्शन करते किसान।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नींव पत्थर रखने के दौरान आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि कॉरिडोर फोर लेन होगा। इसे चार महीने में तैयार कर दिया जाएगा। सरकार इस निर्माण पर 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पंजाब सरकार ने कॉरिडोर के साथ एक भव्य गेट बनाने की बात भी कही थी लेकिन अभी तक एक ईंट नहीं लग पाई है।
एक हफ्ते में खत्म होगा किसानों का मुद्दा
डेरा बाबा नानक में शनिवार को काई पीडब्ल्यूडी की टीम का दावा था कि सरकार एक हफ्ते में किसानों के साथ चल रहे विवाद को सुलझा लेगी। किसानों के साथ बातचीत चल रही है।
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उच्च अधिकारियों से नहीं हुई बात, असमंजस में किसान
कलानौर : करतारपुर कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण की कागजी कार्यवाही चल रही है लेकिन अभी तक मुआवजे को लेकर किसानों की उच्च अधिकारियों के साथ सीधी बात नहीं हुई है। किसान अभी भी असमंजस में फंसे हैं और सरकार की कारगुजारी को कोस रहे हैं।
जमीन बचाओ कमेटी के प्रधान किसान मुनीष महाजन, सुरजीत सिंह, मलूक सिंह, लक्खा सिंह का कहना है कि अधिसूचना जारी होने के दिन पूरे हो रहे हैं। अभी तक किसानों के साथ किसी उच्च अधिकारी ने उनकी समस्या को लेकर सीधी बात नहीं की है।
किसानों ने अपनी आपत्तियां भी जमीन कलेक्टर के सामने पेश कर दिए हैं। केंद्र से आने वाले अधिकारियों की उनसे बातचीत न होने से किसान परेशान हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण के समय एक से सवा लाख रुपये तक प्रति मरला मुआवजा दिया है। डेरा बाबा नानक के किसानों को भी उसी तर्ज पर मुआवजा मिलना चाहिए।