शहर की 100 जर्जर इमारतें ढूंढ रही हैं चीख पुकार
शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर : जिले में इस समय सैकड़ों ऐसे इमारतें है, जिनकी हालत
जीआरपी-12
शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर : जिले में इस समय सैकड़ों ऐसे इमारतें है, जिनकी हालत जर्जर हो चुकी है। ऊपर से बारिश का सीजन भी शुरू हो चुका है, जिसके चलते किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से केवल 30 इमारतों को अधिकारिक रूप से असुरक्षित घोषित किया गया है और उन्हें बंद करने का दावा किया जा रहा है। इन इमारतों में केवल सरकारी इमारतें शामिल है, जबकि प्राइवेट भी सैकड़ों इमारतें खस्ता हाल है, जिनसे हर साल बारिश के सीजन में दुर्घटनाएं होती रहती है। गौरतलब है कि हर साल बारिश के दौरान जर्जर इमारतों के गिरने का खतरा बना रहता है। इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं। जिससे जानी व माली नुकसान होता है। मौजूदा समय में जिले में सैकड़ों ऐसी इमारतें है, जिनकी हालत खस्ता हो चुकी है। इनमें सरकारी व प्राईवेट दोनों ही तरह की इमारतें शामिल है। एक तरह सरकारी इमारतों को फंड का इंतजार है, वहीं प्राइवेट इमारतों में रहने वाले लोगों को सरकार से मिलने वाली ग्रांट का इंतजार है।
कई इमारतें है 100 साल से पुरानी-
दीनानगर में नजर दौड़ाई जाए तो कई इमारतें 100 से से पुरानी है। जिनमें दीनानगर पठानकोट राज्य मार्ग पर पावर काम नंबर 5 के पास की रिहायशी इमारत, पीडब्ल्यूडी कार्यालय, सरकारी स्कूल लड़के का कुछ हिस्सा, नगर कौंसिल दीनानगर का अधिकतर हिस्सा, नहरी विभाग के क्वाटर, दीनानगर बस स्टैंड में लाटरी स्टाल, पावरकाम कार्यालय शामिल है। इसके अलावा प्राईवेट में कई लोगों के घर खस्ता हाल हो चुके है। बारिश के चलते जिले में हुए हादसे- छह सितंबर 2014 को जिला गुरदासपुर के गांव डल्ला में मंगल मसीह के घर की छत गिरने से उसके परिवार के आठ सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसी साल 18 अगस्त को डेरा बाबा नानक के गांव जौड़िया कलां में कुलदीप कौर नामक महिला की मौत हो गई थी। जबकि शनिवार को भी दोरांगला के गांव ठठी फरीदपुर की महिला जीवन ज्योति घर की छत गिरने से घायल हो गई। करीब 30 जर्जर इमारते हैं असुरक्षित-एक्सईएन मामले संबंधी पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ने बताया कि मौजूदा समय जिले में 30 के करीब इमारतों को असुरक्षित घोषित किया गया है। जिनमें से हाल ही में सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल डेरा बाबा नानक के कुछ कमरे शामिल है। उन्होंने बताया कि इमारतों को 70 और अधिक से अधिक 100 साल के बाद जर्जर माना जाता है। उन्होंने बताया कि इन इमारतों को गिराने संबंधी फिलहाल कोई योजना नहीं है, इसलिए उन्हें बंद कर दिया गया है। जल्द करवाया जाएगा सर्वे-एडीसी मामले संबंधी एडीसी गुरदासपुर से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही नगर कौंसिलों के माध्यम से खस्ता हाल इमारतों का सर्वे करवाया जाएगा। ताकि जिले की सभी असुरक्षित इमारतों का पता लगाकर उचित कार्रवाई की जा सके।