आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए पिया था शहादत का जाम
लांसनायक शहीद का श्रद्धांजलि समारोह 22 सितंबर को होगा।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले देश के मान मस्तिष्क जम्मू एवं कश्मीर में पाक द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से हमारे कई जांबाज सैनिक अपनी शहादतें देकर राष्ट्र की एकता व अखंडता को बरकरार रखते हैं। शहीदों की इसी श्रृंख ला में एक साल पहले एक नाम और जुड़ गया, जब जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में पाक प्रशिक्षित आतंकियों की घुसपैठ को रोकते हुए सेना की 4 पैरा स्पेशल फोर्स के लांसनायक संदीप सिंह ने तीन खूंखार आतंकियों को मारकर अपना नाम शहीदों की श्रृंखला में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा लिया।
इस जांबाज सैनिक के जीवन वृत्तांतो संबंधी जानकारी देते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की ने कहा कि शहीद लांस नायक संदीप सिंह का जन्म 5 सितंबर 1988 को माता कुलविदर कौर व पिता जगदेव सिंह के घर गांव कोटला खुर्द में हुआ। सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल घुम्मणकलां से 12वीं करने के बाद 2007 को यह सेना की 22 सिख युनिट में भर्ती हो गये तथा खतरों से खेलने का शौंक रखने वाले संदीप सिंह जून 2012 को 4 पैरा स्पेशल फोर्स युनिट में शामिल होकर देश सेवा में जुट गये। 22 सितंबर को जब इनकी युनिट को जम्मू कश्मीर के तंगधार सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ की सूचना मिली तो लांसनायक संदीप सिंह अपने सैन्य दल के साथ एलओसी पर जा डटा। घुसपैठ कर रहे आतंकियों की नजर जब इन पर पड़ी तो उन्होंने इन पर गोलाबारी शुरु कर दी। लांस नायक संदीप सिंह ने आतंकियों की गोलाबारी का मूंह तोड़ जवाब देते हुए तीन खूंखार आतंकियों को मार गिराया। इसी बीच तीसरे आतंकी द्वारा दागी गोली इनके सीने को भेदते हुए निकल गई। जिससे इस रणबांकुरे ने अपने साथी सैनिकों को बचाते हुए शहादत का जाम पी लिया। इनकी इस बहादुरी को देखते हुए भारत सरकार द्वारा इन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। कुंवर विक्की ने बताया कि इस जांबाज सैनिक की शहादत को नमन करने हेतु आज यानि 22 सितंबर को उनके गांव कोटला खुर्द में एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सैन्य अधिकारी शामिल होकर भारत मां के इस महान सपूत को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।