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दोस्त से बोले थे लांसनायक संदीप, ऐसा काम करुंगा सारा देश मुझ पर करेगा गर्व

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए शहादत का जाम पीने वाले 4 पैरा स्पेशल फोर्स के लांसनायक संदीप ¨सह का उनके पैतृक गांव कोटला खुर्द में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले तिरंगे में लिपटी शहीद का पार्थिव शरीर श्रीनगर से सेना के जहाज एएन 32 से पठानकोट के एयरफोर्स स्टेशन पर लाया गया। वहां से हेलीकॉप्टर के जरिये तिब्बड़ी कैंट लाया गया। जहां से शहीद की यूनिट के जवान व तिब्बड़ी से 17 राज राईफल यूनिट के जवान सड़क मार्ग से शहीद के तिरंगे में लिपटे हुए पार्थिव शरीर को जैसे ही उसके गांव लेकर पहुंचे तो सारा माहौल गमगीन हो उठा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 07:25 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 07:25 PM (IST)
दोस्त से बोले थे लांसनायक संदीप, ऐसा काम करुंगा सारा देश मुझ पर करेगा गर्व
दोस्त से बोले थे लांसनायक संदीप, ऐसा काम करुंगा सारा देश मुझ पर करेगा गर्व

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए शहादत का जाम पीने वाले 4 पैरा स्पेशल फोर्स के लांसनायक संदीप ¨सह का उनके पैतृक गांव कोटला खुर्द में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले तिरंगे में लिपटी शहीद का पार्थिव शरीर श्रीनगर से सेना के जहाज एएन 32 से पठानकोट के एयरफोर्स स्टेशन पर लाया गया। वहां से हेलीकॉप्टर के जरिये तिब्बड़ी कैंट लाया गया। जहां से शहीद की यूनिट के जवान व तिब्बड़ी से 17 राज राईफल यूनिट के जवान सड़क मार्ग से शहीद के तिरंगे में लिपटे हुए पार्थिव शरीर को जैसे ही उसके गांव लेकर पहुंचे तो सारा माहौल गमगीन हो उठा।

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शहीद की माता कुल¨वदर कौर, शहीद की पत्नी गुरप्रीत कौर व बहन खुशमीत कौर की करुणामयी चीखें पत्थरों का कलेजा भी छलनी कर रही थी। वहीं शहीद का पांच वर्षीय बेटा अभिनव गुमसुम व नम आंखों से अपने शहीद पिता का तिरंगे में लिपटा शरीर एकटक निहारते हुए अपनी मां के आंसू पोंछ रहा था।

शहीद के दोस्त लवप्रीत ¨सह ने बताया कि संदीप अगस्त महीने में जब 15 दिन की छुट्टी पर गांव आया था तो उसने उससे कहा कि ¨जदगी में कुछ ऐसा करो कि लोग आप पर गर्व करें। सने संदीप से कहा कि हमने क्या करना है, तुम ही कुछ ऐसा कर सकते हो, तो संदीप ने कहा कि मैं तो एक दिन ऐसा काम कर जाऊंगा सारा देश मुझ पर गर्व करेगा और तुम मुझे टीवी चैनल्स पर देखोगे और गांव में मेरा एक भव्य यादगिरी गेट भी बनाना।

इस मौके पर तिब्बड़ी कैंट से आये सेना की 17 राज राईफल यूनिट के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर हवा में गोलिया दागते हुए बिगुल की मातमी धुन के साथ शहीद को सलामी दी। शहीद की यूनिट की ओर से उनके कमां¨डग अफसर कर्नल एस मुथु कृष्णन, कर्नल एच संधू, कर्नल कुलदीप ¨सह, कर्नल नवीन कुमार, मेजर मुकुल शर्मा, कैप्टन रछपाल ¨सह, सूबेदार मेजर मंगल ¨सह, एडीसी जनरल सुभाष चंद्र, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कर्नल सतवीर ¨सह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर र¨वदर ¨सह विक्की, कैबनिट मंत्री सुख¨जदर ¨सह रंधावा के भाई इंद्रजीत ¨सह आदि ने रीथ चढ़ाकर शहीद को सलामी दी। इनके अलावा शहीद की माता कुल¨वदर कौर, पिता जगदेव ¨सह, पत्नी गुरप्रीत कौर, भाई मंदीप ¨सह, पांच वर्षीय बेटे अभिनव ने भी शहीद को सैल्यूट किया।

मां के कंधों पर विदा हुए संदीप

शहीद की बहादुर माता कुल¨वदर कौर ने अपने शहीद बेटे की अर्थी को कंधा देकर पड़ोसी मुलक पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि ¨हदोस्तान की माताओं के कंधे में इतनी ताकत है कि वह अपने शहीद बेटे को कंधा देकर शमशान ले जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे के जाने का दुख तो बहुत है लेकिन इस बात का गर्व भी है कि संदीप ने अपनी शहादत देकर मुझे एक शहीद की मां होने का गौरव प्रदान कर दिया।

बहन ने बांधी शहीद भाई की कलाई पर राखी

शहीद की इकलौती बहन खुशमीत कौर ने अपने शहीद भाई की कलाई पर राखी बांधकर जब उसे अंतिम विदाई दी तो आसपास मौजूद हर एक की आंखो से आंसुओं की धारा बह निकली। यहां तक कि शहीद की यूनिट के मेजर मुकुल शर्मा भी अपने आसूओं को रोक नहीं पाये। शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर र¨वदर ¨सह विक्की ने कहा कि खुशमीत जैसी बहन पर सारे देश को नाज है।

शहीद की पत्‍‌नी बोली, इकलौते बेटे को भी बनाउंगी सैनिक

शहीद की पत्नी गुरप्रीत कौर ने नम आंखों से बताया कि मेरे पति एक बहादर सैनिक थे, जिन्होंने पीठ पर नहीं सीने पर गोली खाकर बहादुरी का परचम फहराया है। इसलिए वह अपने इकलौते बेटे अभिनव को भी सेना में भेजेगी ताकि उसमें वह हमेशा अपने शहीद पति का अक्श देखती रहे। उसने बताया कि शनिवार को उनकी उनके पति से फोन पर बात हुई थी। थोड़ी देर बात करने के बाद उसने कहा कि फाय¨रग चल रही है, इस लिए कल बात करेंगे। मगर उसके बाद उनका कोई फोन नहीं आया, मगर सोमवार को आई उनकी शहादत की खबर आई।

शहीद के पिता व बेटे ने चिता को दी मुखाग्नि

शहीद के पिता जगदेव ¨सह व पांच वर्षीय बेटे अभिनव ने जब शहीद की चिता को मुखाग्नि दी। श्मशानघाट में मौजूद सैंकड़ो लोगों ने शहीद संदीप ¨सह अमर रहे, भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद का जयघोष कर अपने क्षेत्र के लाडले की शहादत को नमन किया।


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