कुशोक बकुला रिम्पोछे को जन्म शताब्दी पर किया याद
पंडित मोहन लाल एसडी कॉलेज फार वूमेन में लोबजंग थुबतन छोगनेर, 19वें कुशोक बकुला रिम्पोछे का जन्म शताब्दी समारोह आयोजित किया गया। इसमें डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री कुलपति सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश मुख्य मेहमान के रूप में शामिल हुए। बाल कृष्ण मित्तल सचिव आल इंडिया डीएवी कालेज मैने¨जग कमेटी विशेष मेहमान के तौर पर पहुंचे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ¨प्रसिपल नीरू शर्मा ने की।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : पंडित मोहन लाल एसडी कॉलेज फार वूमेन में लोबजंग थुबतन छोगनेर, 19वें कुशोक बकुला रिम्पोछे का जन्म शताब्दी समारोह आयोजित किया गया। इसमें डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री कुलपति सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश मुख्य मेहमान के रूप में शामिल हुए। बाल कृष्ण मित्तल सचिव आल इंडिया डीएवी कालेज मैने¨जग कमेटी विशेष मेहमान के तौर पर पहुंचे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ¨प्रसिपल नीरू शर्मा ने की।
डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने बताया कि जो स्थान लौटे पुरुष वल्लभ भाई पटेल का है, वहीं स्थान लोबजंग थुबतन छोगनेर का है। उन्हें पदम भूषण का सम्मान प्राप्त है। 1947 में देश आजाद होने के बाद जम्मू कश्मीर को अपने साथ मिलाने की पाक की चाल को इन्होंने अपने साहस से विफल किया, नहीं तो जम्मू कश्मीर हमारे हाथ से छूट जाता। इन्होंने मंगोलिया व रूस में बौद्ध धर्म को पुर्नजीवित करने के कई प्रयास किए।
बाद में उन्होंने सांसद के रूप में भी अपनी सेवाएं निभाई। वर्ष 1990-2000 तक वह मंगोलिया में भारत के राजदूत रहे। इस मौके पर समिति के पदाधिकारी दीपक महाजन, पवन शमर, अरुण बिट्टा आदि उपस्थित थे।