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नासिक से 23 दिन साइकिल चलाकर डेरा बाबा नानक पहुंचे जनेश्वर

नासिक के जनेश्वर सलेके अपने स्वर्गीय माता-पिता की मन्नत पूरी करने के लिए नासिक (महाराष्ट्र) से करीब दो हजार किलोमीटर साइकिल चलाकर डेरा करतारपुर कॉरिडोर पर शनिवार को पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 01:58 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 06:09 AM (IST)
नासिक से 23 दिन साइकिल चलाकर डेरा बाबा नानक पहुंचे जनेश्वर
नासिक से 23 दिन साइकिल चलाकर डेरा बाबा नानक पहुंचे जनेश्वर

महिदर सिंह अर्लीभन्न, डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) : नासिक के जनेश्वर सलेके अपने स्वर्गीय माता-पिता की मन्नत पूरी करने के लिए नासिक (महाराष्ट्र) से करीब दो हजार किलोमीटर साइकिल चलाकर डेरा करतारपुर कॉरिडोर पर शनिवार को पहुंचे। वह पाकिस्तान स्थिति गुरुद्वारा करतारपुर साहिब नहीं जा पाए। सीमा से ही गुरुद्वारा साहिब के दर्शन किए। जनेश्वर सलेके पुत्र देव राम ने बताया कि उन्होंने पहले पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए वीजा लगाया था। पाकिस्तान की सरकार ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। बाद में पता चला कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते बिना पासपोर्ट दरबार साहिब जाया जा सकता है। इस पर वह वह नासिक से सात नवंबर से करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा साहिब जी के दर्शन करने के लिए साइकिल पर रवाना हुए। वह मोल्डिंग डिजाइन का काम करता है। उसके माता-पिता की मन्नत थी कि वह अपने बेटे जनेश्वर को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहब के दर्शन करवाएंगे। मगर माता पिता की मौत होने के बाद वह उनकी मन्नत पूरी करने के लिए आए। वह रोजाना 100 से 120 किलोमीटर साइकिल चलाकर पहुंचा। उसके पांच भाइयों की पहले मौत हो चुकी है। उसे सीमा से ही पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा साहिब जी के दर्शन करना नसीब हुआ है। भारत-पाक विभाजन की लकीर के कारण वह पाकिस्तान जाने की उसकी लालसा पूरी नहीं हो सकी।

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