पूरे साल खुला रहेगा Kartarpur corridor, 10 नवंबर को जाएगा पहला जत्था, ऐसे करें आवेदन...
डेरा बाबा नानक में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत-पाक अधिकारियों के बीच यात्रा के संचालन के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हो गए हैं।
डेरा बाबा नानक [महिंदर सिंह अर्लीभन्न]। पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के खुले दर्शन के लिए भारत-पाक के बीच बनाए गए कॉरिडोर को लेकर वीरवार को डेरा बाबा नानक में दोनों देशों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। भारतीय श्रद्धालुओं को श्री करतारपुर साहिब के खुले दर्शन के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी। यात्रा के दौरान श्रद्धालु को पासपोर्ट और ओसीआइ (ओवरसीज सिटीजन आफ इंडिया) कार्ड रखना जरूरी होगा। कॉरिडोर के रास्ते सिर्फ भारतीय नागरिक ही यात्रा कर सकते हैं। कॉरिडोर सुबह से लेकर शाम तक खुला रहेगा। दर्शन के लिए सुबह गए यात्रियों को शाम को वापस आना होगा।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जीरो लाइन पर हुई इस बैठक में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे। बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई और एक बजे तक चली। कॉरिडोर अधिसूचित दिनों को छोड़कर पूरा साल खुला रहेगा। भारत श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की सूची दस दिन पहले पाकिस्तान को सौंपेगा। करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा से चार दिन पहले मैसेज, ईमेल व फोन के माध्यम से सूचित किया जाएगा। इच्छुक श्रद्धालु भारत सरकार के ऑनलाइन पोर्टल 'प्रकाशपर्ब550.एमएचए.जीओवी.इन' पर आवेदन कर सकता है। ऑनलाइन पोर्टल अंग्रेजी और पंजाबी में होगा। श्रद्धालु ग्रुप में या फिर अकेले भी जा सकते हैं।
श्रद्धालुओं के लिए होगा लंगर, मिलेगा प्रसाद
दस नवंबर को श्रद्धालुओं का पहला जत्था सुबह साढ़े चार बजे डेरा बाबा नानक से रवाना होगा। श्रद्धालु उसी दिन शाम को वापस आएंगे। पाकिस्तान श्रद्धालुओं के लिए लंगर और प्रसाद की व्यवस्था करेगा।
अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने की अनुमति नहीं होगी
श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालु अपने साथ 11 हजार रुपये और सात किलो का बैग ले जा सकते हैं। इस बैग में कपड़े ले जा सकते हैं। उन्हें धार्मिक स्थल के अलावा कहीं और जाने की अनुमति नहीं होगी।
20 डॉलर फीस पर भारत ने जताया एतराज
श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं से 20 अमेरिकन डॉलर लेने के मुद्दे पर पाकिस्तान अब तक नहीं माना है। भारत ने पाकिस्तान से नाराजगी जताई कि वह श्रद्धालुओं की फीस माफ नहीं कर रहा है। श्रद्धालुओं की भावनाओं के लिए भारत ने फिलहाल समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। भारत ने पाकिस्तान सरकार से श्रद्धालुओं की फीस माफ करने की मांग की है। भारत उसके अनुसार समझौते में संशोधन करने के लिए तैयार है। इसके अलावा भारत ने कॉरिडोर पर जीरो लाइन तक पुल बनाया है जबकि पाकिस्तान ने सिर्फ अस्थायी सड़क बनाई है। उम्मीद है कि पाकिस्तान भी जल्द पुल का निर्माण करेगा ताकि श्रद्धालु हर मौसम में श्री करतारपुर साहिब जा सकें।
श्रद्धालुओं को दिया जाएगा इलेक्ट्रिक यात्रा अधिकार पत्र
करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। यात्रियों के टर्मिनल पहुंचने पर इलेक्ट्रॉनिक यात्रा अधिकार पत्र दिया जाएगा। यह उन्हें अपने पासपोर्ट के साथ यात्रा के दौरान रखना होगा।
समझौते के वक्त ये अधिकारी रहे मौजूद
समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान भारत की ओर से गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल, रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर, संयुक्त सचिव पंकज सक्सेना, संयुक्त सचिव अभि प्रकाश मौजूद थे। इसके अलावा पंजाब सरकार के सचिव महिपाल यादव, लोक निर्माण विभाग के सचिव हुसन लाल और पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल और विदेश मंत्रालय की निदेशक फरिहा बुगती भी मौजूद थे।
भारत की ओर आंख उठाने वाले को बख्शेंगे नहीं
पाकिस्तान में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों द्वारा कॉरिडोर के दुरुपयोग पर गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पाकिस्तान के अधिकारियों को इस बारे में एक-एक बात साफ कर दी गई है। अगर फिर भी कोई भारत के खिलाफ कॉरिडोर का दुरुपयोग करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
पासपोर्ट बनाने के लिए खोले जाएंगे दफ्तर
पंजाब सरकार के सचिव हुसन लाल ने बताया कि जो लोग ऑनलाइन फार्म नहीं भर सकते वे अपने नजदीकी सुविधा केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं। अधिकतर लोगों के पास पासपोर्ट नहीं हैं। इसलिए सरकार कई क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवा केंद्र भी खोलेगी।
इतने बड़े खर्च के बाद 20 डॉलर मामूली राशि : फैजल
एजेंसी के अनुसार पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल का कहना है कि बहुत ज्यादा खर्च करने के बाद 20 डॉलर का सर्विस शुल्क बहुत मामूली है। यह गुरुद्वारा दुनिया में सबसे बड़ा है। कॉरिडोर से आने वाले श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के अन्य गुरुद्वारों में जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां जाने के लिए उन्हें वीजा लेना होगा। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। फैजल ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर पर समझौते तक पहुंचना आसान नहीं था। बहुत तनावपूर्ण माहौल और कठिन दौर से गुजरने के बाद इस समझौते तक पहुंचे हैं।
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