करतारपुर कॉरिडाेर पर वार्ता, जीरो लाइन पर भारत-पाकिस्तान बनाएंगे अपने गेट
श्री करतापुर काॅरिडोर को भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता हुई। इसमें सहमति बनी कि भारत और पाकिस्तान के जीरो लाइन पर गेट बनाएंगे।
कलानौर (गुरदासपुर), सुनील थानेवालिया/ महिंदर सिंह। श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के सीधे दर्शनों के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बनने वाले कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों ने डेरा बाबा नानक में बैठक की। इसमें कई मुद्दों पर सहमति बनी। इसमें फैसला किया गया कि दोनों देश जीरो लाइन पर गेट बनाएंगे।
करतारपुर साहिब और डेरा बाबा नानक की ओर से आने वाले रास्तों की सेंटर लाइन मिलाई
जीरो लाइन पर हुई यह बैठक पांच घंटे तक चली। इस दौरान कॉरिडोर के मुख्य द्वार के लिए जमीन की निशानदेही भी की गई। बैठक में पाकिस्तान की ओर से 12 अधिकारी शामिल हुए, जबकि भारत की ओर से करीब 18 अधिकारी पहुंचे थे।
इस दौरान भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दोनों देशों की ओर से बनाए जाने वाले अपने-अपने गेट के लिए कागजी कार्रवाई निपटाई गई। अधिकारियों ने करतारपुर साहिब और डेरा बाबा नानक की ओर से आने वाले रास्तों की सेंटर लाइन का मिलान भी किया। कॉरिडोर 200 मीटर चौड़ा है। दोनों देशों की ओर से बनाए जाने वाले गेट पहले आमने-सामने नहीं आ रहे थे।
पाकिस्तान अपनी हद में बनाए जा रहे रास्ते को बदलने को तैयार नहीं था। इसी मुद्दे पर मुख्य रूप से अधिकारियों ने पांच घंटे तक बातचीत की। बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान निशानदेही के समय करतारपुर रास्ते की लाइन को २२ फीट बदला गया है। उसी जगह पाकिस्तान की ओर से अपनी हद में लाल, पीले और सफेद रंग के झंडे लगा दिए गए हैं।
श्री करतारपुर रास्ते के मंगलवार को किए गए सर्वे के दौरान एनएचएआइ के निशांत खुराना, अखिल सक्सेना, विशाल गुप्ता, यूपी यादव, मनजीत सिंह, डीआइजी बनियाल, जयपाल भिंडर, डिप्टी कमिश्नर कस्टम विभाग बसंत कुमार, कमांडेंट 10 बटालियन बीएसएफ वरिंदर वाजपेयी, टूआइसी नीरज शर्मा और अवतार सिंह उपस्थित थे।
बीएसएफ ने बैठक के लिए लगाए टेंट
बीएसएफ की 10 बटालियन की टाउन पोस्ट की ओर से दर्शन स्थली के सामने दो टेंट लगाए गए थे। सुबह करीब साढ़े 11 बजे पाकिस्तान की संधू पोस्ट के वीर 16 रेंजर आधुनिक हथियारों से लैस और बुलेट फ्रूफ जैकेट पहने हुए आगे बढ़े। उनके पीछे 12 अधिकारियों का शिष्टमंडल भारतीय सीमा में पहुंचा। सीमा पर लगाए दोनों टेंटों में दोनों देशों के अधिकारियों ने बैठक की।
500 मीटर पहले रोक दिए लोग
सुरक्षा कारणों से मीडिया कर्मियों को दर्शन स्थली से भी 500 मीटर पहले ही रोक दिया गया। दर्शन करने पहुंची संगत से भी जो लोग दर्शन स्थली तक पहुंचे, वहां उन्हें मोबाइल इस्तेमाल नहीं करने दिया गया।