सर्दी और कम तापमान में बढ़ जाता है वायरल का खतरा
सर्दी बढ़ने से तापमान में गिरावट आने पर वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मौसम में बच्चों व खासकर साठ साल से उपर उम्र वाले व्यक्ति को अपनी सेहत का खास खयाल रखने की जरूरत पड़ती है।
संवाद सहयोगी, दीनानगर : सर्दी बढ़ने से तापमान में गिरावट आने पर वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मौसम में बच्चों व खासकर साठ साल से उपर उम्र वाले व्यक्ति को अपनी सेहत का खास खयाल रखने की जरूरत पड़ती है। ऐसे मौसम में सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉ. डॉ. हरिदेव क्लीनिक के चिकित्सक डॉ. हरिदेव अग्निहोत्री ने बताया कि इन दिनों ज्यादातर वायरल इंफेक्शन, वायरल एलर्जी, रेसपिरेटरी इंफेक्शन जैसे रोग बढ़ रहे हैं। इसमें खासकर दमा और दिल के रोगी को ध्यान रखने की जरूरत है। इसके अलावा सांस में तकलीफ, अस्थमा, चेस्ट इंफेक्शन जैसे वायरल रोग होने लगते हैं। ऐसे मौसम में होने वाला सबसे खतरनाक वायरल स्वाइन फ्लू है। ठंड बढ़ने से तापमान में आई कमी स्वाइन फ्लू के वायरस के लिए जीवनदायक साबित होती है।
लक्षण
स्वाइन फ्लू के थोड़े अलग लक्षण होते हैं। स्वाइन फ्लू होने पर बुखार, उल्टी, दस्त, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बदन दर्द जैसी शिकायत होने लगती है। अगर किसी को ऐसा हो तो वह अपने नजदीकी डॉक्टर से चेकअप करवाएं।
अस्थमा व दिल के मरीज रखें खास खयाल:
ऐसे मौसम में अस्थमा, दिल की बीमारी, हाई बल्ड प्रेशर, शुगर के मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।
सावधानी व बचाव
डॉ. हरिदेव अग्निहोत्री ने बताया कि गर्म कपड़े पहने। तरल पदार्थ का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें, जितना हो सके आराम करें। अगर किसी को वायरल हो तो सीधा उसके संपर्क में आने से बचें। वायरल इंफेक्शन वाले भी छींकते वक्त रूमाल का इस्तेमाल करें, हाथों को साफ रखें। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करते समय मुंह व नाक ढंक कर रखें। दमा रोगी धूल- मिट्टी व ठंड से बचाव रखें। मौसमी वायरल तो चार पांच दिन तक ठीक हो जाता है।