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शहीद मरते नहीं अमर हो जाते हैं : एसडीएम बल

कारगिल युद्ध में शहादत का जाम पीने वाले वीर चक्र विजेता सूबेदार निर्मल ¨सह का 19वां श्रद्धांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर र¨वदर विक्की की अध्यक्षता में गांव पुरानाशाला में शहीद के नाम पर बने पैट्रोल पंप पर आयोजित किया गया। इसमें एसडीएम सकत्तर ¨सह बल मुख्य मेहमान के रूप में शामिल हुए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Jul 2018 03:40 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 07:52 PM (IST)
शहीद मरते नहीं अमर हो जाते हैं : एसडीएम बल
शहीद मरते नहीं अमर हो जाते हैं : एसडीएम बल

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : कारगिल युद्ध में शहादत का जाम पीने वाले वीर चक्र विजेता सूबेदार निर्मल ¨सह का 19वां श्रद्धांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर र¨वदर विक्की की अध्यक्षता में गांव पुरानाशाला में शहीद के नाम पर बने पैट्रोल पंप पर आयोजित किया गया। इसमें एसडीएम सकत्तर ¨सह बल मुख्य मेहमान के रूप में शामिल हुए।

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समारोह में मुख्यातिथि एसडीएम बल ने कहा कि मौत एक अटल सच्चाई है, मगर समाज सेवा, परोपकार व राष्ट्रहित में प्राणों की आहुति देने वाले मरते नहीं, बल्कि अमर हो जाते है। इस लिए आज समय की पुकार है कि हम इन शहीदों की सोच पर पहरा देते हुए समाज में फैली नशे जैसी नामुराद बीमारी को जड़ से उखाड़ने हेतु पंजाब सरकार ने जो अभियान छेड़ा है, उसका हिस्सा बने तथा नशे में डूबी युवा पीढ़ी को इस दल-दल से बाहर निकालने का प्रयास करें। यहीं इन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन शहीद परिवारों की हर समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल करने हेतु वचनबद्ध है। पूर्व चेयरमैन नीलम महंत ने कहा कि शहीद सूबेदार निर्मल ¨सह युवा पीढ़ी के रोल माडल हैं। इस मौके पर रागी जत्थे द्वारा वैरागमयी कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। इस मौके पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित 10 अन्य शहीद परिवारों को शाल भेंटकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान शहीद की पत्नी मनजीत कौर, बेटा हरजीत ¨सह, जिला प्ला¨नग बोर्ड की पूर्व चेयरपर्सन नीलम महंत, बीएसएफ हैड क्वार्टर गुरदासपुर के सहायक कमांडेंट आप्रेशन बलबीर ¨सह, डीएसपी मनोज ठाकुर, जिला एनआरआइ सभा के प्रधान एनपी ¨सह, शहीद लेफ्टीनेंट नवदीप ¨सह के पिता कैप्टन जो¨गदर ¨सह, शहीद सिपाही नरेश सलारिया के पिता कैप्टन काबुल ¨सह, जिला परिषद सदस्य परमजीत कौर, गुरदासपुर नगर कौंसल की पूर्व प्रधान संतोष रियाड़, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के फील्ड अफसर सूबेदार जगदीश ¨सह, 24 सिख रेजीमेंट के सूबेदार जस¨वदर ¨सह, कैप्टन सेवा ¨सह आदि ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर एसएचओ अशोक कुमार, सूबेदार मेजर शाम ¨सह, सूबेदार शक्ति पठानिया, कुलबीर ¨सह, म¨नदर ¨सह, मेजर ¨सह, लवप्रीत ¨सह, बल¨जदर ¨सह, दलजीत ¨सह, मलकीत ¨सह, नायब सूबेदार बलजीत ¨सह, सैम कुमार, राजेश कुमार, हवलदार अशोक कुमार आदि उपस्थित थे। परिवारिक संस्कारों से पैदा होता है शहादत का जज्बा : कुंवर विक्की

परिषद के महासचिव कुंवर र¨वदर ¨सह विक्की ने कहा कि शहादत का जज्बा परिवारिक संस्कारों से पैदा होता है तथा वह परिवार धन्य है, जिन्हें शहीदों के परिजन कहलाने का गौरव प्राप्त होता है। देशवासी इनके लाडलों की शहादत का मोल अदा नही कर सकते। सिर्फ इन्हें मान-सम्मान देकर ही हम इनका मनोबल बढ़ा सकते है। राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है देश के शहीद : सहायक कमांडेंट

सहायक कमांडेंट बलबीर ¨सह ने कहा कि सूबेदार निर्मल ¨सह जैसे रणबांकुरे राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है। भारतीय सेना के जवान इनके अनुपम बलिदान से हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सीमा पर तैनात हमारे जवानों के हौंसले बुलंद है। उनके रहते कोई भी दुश्मन इस देश की एकता व आखंडता को भंग करने का दुस्साहस नहीं कर सकता।


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