लांस नायक रजिदर सिंह की शहादत को नमन
लांस नायक राजिदर सिंह की अंतिम अरदास व श्रद्धांजलि समारोह गांव पब्बारांली कलां के गुरुद्वारा साहिब में आयोजित की गई।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : दस दिन पहले जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माछिल सैक्टर में आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए शहादत का जाम पीने वाले सेना की 57 राष्ट्रीय राइफल के लांस नायक राजिदर सिंह की अंतिम अरदास व श्रद्धांजलि समारोह गांव पब्बारांली कलां के गुरुद्वारा साहिब में आयोजित की गई। इसमें जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कर्नल सतवीर सिंह वड़ैच, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की, सांसद सनी देयोल के पीए गुरप्रीत पलहेरी, पुलवामा हमले के शहदी सिपाही मनिदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद जतिदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही संदीप सिंह के पिता जगदीप सिंह, शहीद सिपाही रणधीर सिंह के पिता सुखविदर सिंह, शहीद मनदीप कुमार के पिता नानक चंद, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के फील्ड अफसर सूबेदार जगदीश सिंह आदि ने विशेष तौर पर शामिल होकर शहीद लांस नायक रजिदर सिंह की शहादत को नमन किया। सर्वप्रथम श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया। रागी जत्थे द्वारा वैरागमयी कीर्तन करके शहीद को नमन किया गया। डिप्टी डायरेक्टर कर्नल सतवीर सिंह ने कहा कि शहीद लांस नायक रजिदर सिंह ने दस दिन पहले आतंकियों की घुसपैठ को रोकते हुए अपने जिस अदम्य साहस का परिचय देकर शहादत का जाम पिया, उसकी मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि रजिदर ने अपना बलिदान देकर अपने गांव का नाम पूरे देश में रोशन किया है। ऐसे बहादुर सैनिक भारतीय सेना के गौरव हैं। इस अवसर पर उन्होंने शहीद के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक भेंट करते हुए कहा कि पंजाब सरकार द्वारा 12 लाख रुपये की एक्सग्रेशिया ग्रांट में से पांच लाख परिवार को भेंट किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी तथा शहीद के बच्चे को मुफ्त शिक्षा दिलाई जाएगी। राष्ट्र ऋण चुकाने का सर्वोत्तम तरीका है आत्म बलिदान : विक्की
परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की ने कहा कि दस दिन पहले शहीद रजिदर के गांव पब्बारांली कलां को कोई नहीं जानता था। मगर उसकी शहादत ने इस गांव का नाम पूरे देश में रोशन करते हुए राष्ट्रपति भवन में जो शहीदों का गजट होता है, उसमें दर्ज करवा लिया है तथा आज वह इस गांव की बलिदानी मिट्टी को शत शत नमन करते हैं। जिसने अपना 26 वर्षीय बेटा देश की बलिबेदी पर कुर्बान कर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र ऋण चुकाने का सर्वोत्तम तरीका है। उन्होंने सरकार से मांग की कि शहीद लांस नायक रजिदर की शहादत को जिदा रखने के लिए गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा जाना चाहिए तथा शहीद की याद में गांव में एक यादगारी गेट बनाना चाहिए। इस अवसर पर परिषद की ओर से शहीद परिवार को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शहीद की माता पलविदर कौर, पिता सविदर सिंह, पत्नी रणजीत कौर, शहीद का सात माह का नन्ना बेटा गुरनूर, शहीद के भाई बलविदर सिंह व दलविदर सिंह, बहन कुलदीप कौर, सरपंच अवतार सिंह, दीदार सिंह, बलकार सिंह, हरबंस सिंह, हरजीत सिंह, अजीत सिंह, गुरदयाल सिंह आदि उपस्थित थे।
रजिदर
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