महाराणा प्रताप का त्याग व बलिदान प्रेरणास्त्रोत
शूरवीर महाराणा प्रताप के 422वें बलिदान दिवस पर राजपूत महासभा की ओर से बस स्टैंड पर महाराणा की याद में बने स्मारक पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : शूरवीर महाराणा प्रताप के 422वें बलिदान दिवस पर राजपूत महासभा की ओर से बस स्टैंड पर महाराणा की याद में बने स्मारक पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया।
जिला प्रधान ठा. साहब ¨सह साबा की अध्यक्षता में हुए समारोह में राजपूत महासभा पंजाब के उपप्रधान व शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर र¨वन्द्र ¨सह विक्की बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। इसके अलावा परिषद के अध्यक्ष रिटा. कर्नल सागर ¨सह सलारिया, राजपूत महासभा पंजाब के उपाध्यक्ष बिट्टा काटल, राजपूत महासभा पठानकोट के महासचिव कुंवर शमशेर ¨सह बिट्टू, राजपूत सभा अबरोल नगर के महासचिव र¨वदर ठाकुर, शहीद मक्खन ¨सह के पिता हंस राज आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर इस राष्ट्र नायक को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम महाराणा प्रताप की अश्व सवार प्रतिमा को दूध से स्नान करवाया गया। उसके बाद मुख्यातिथि कुंवर र¨वदर विक्की ने कहा कि महाराणा प्रताप राष्ट्र के अनमोल रत्न थे। इनका त्याग, बलिदान व आदर्श भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की आदर्श नीतियों ने राष्ट्र विरोधी ताकतों के समक्ष झुकना नहीं सिखाया।
आजादी के पहले परवाने थे महाराणा प्रताप : साबा
साहब ¨सह साबा, कर्नल सागर ¨सह सलारिया व बिट्टा काटल ने कहा कि महाराणा प्रताप आजादी के पहले परवाने थे। गुलामी के विरोध में अगर पहली ¨चगारी भड़की तो यह इसी महान योद्धा के धधकती हुई आवाज से पैदा हुई थी। उन्होंने कहा कि भारत मां के इस महान सपूत का बलिदान युवा पीढ़ी में राष्ट्र पर मिल मिटने का जज्बा पैदा करता रहेगा। इस मौके पर ठा. सतपाल राणा, कुल¨वदर ¨सह बब्बू, ठा. जीवन ¨सह चिब, राज कुमार, विजय ¨सह, विक्रम ¨सह, दलजीत ¨सह, कै. प्रीतम सलारिया, सूबेदार शक्ति पठानिया आदि उपस्थित थे।