आरओ से बर्बाद हो रहे पानी का इस्तेमाल कर बनी मिसाल
जल ही जीवन है, यह कथन केवल किताबों में ही सीमित रह गया है।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : जल ही जीवन है, यह कथन केवल किताबों में ही सीमित रह गया है। आज देश के विभिन्न राज्यों में जल संकट जैसी समस्याओं के बाद भी मनुष्य जागरूक नहीं हो रहा, जल संजोने में प्रयास को लेकर तो हर व्यक्ति बातों-बातों में एक दूसरे के सामने महान बन रहा है व सोशल मीडिया पर जल बचाने का दिखावा कर रहा है, परंतु इसको अपने जीवन में कोई भी व्यक्ति प्रयास नहीं कर रहा है। ऐसे में गांव अवांखा की सरपंच गीता ठाकुर लोगों के लिए मिसाल हैं। वे आरओ से निकले पानी का घरेलू कार्यो में इस्तेमाल करती हैं। उनके इस कार्य की सभी प्रशंसा करते हैं।
सरपंच गीता ठाकुर ने बताया कि उनके द्वारा वर्ष 2011 से आरओ से निकले पानी का इस्तेमाल कर घर की सफाई, बर्तन धोने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि 24 घंटे में 40 लीटर पानी वेस्ट होता है। इसलिए वह पानी को नाली में फेंकने की जगह उसको बाल्टी ही में स्टोर करके सुबह घर में की जाने वाली सफाई व बर्तन धोने में इस्तेमाल करती हैं। इससे जहां व्यर्थ पानी का सही उपयोग होता है, वहीं साफ पानी की बचत होती है। उन्होंने बताया कि वह संयुक्त परिवार से संबंध रखती हैं। वह अपने साथ-साथ बच्चों व बड़ों को भी पानी वेस्ट नहीं करने के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी को जल संकट जैसी समस्या का सामना ना करना पड़े।
गुरदासपुर शहर में 3 लाख के करीब आबादी है। अगर हर घर की महिला अपने बर्तन धोने व अन्य कामों के लिए आरओ फिल्टर से निकलने वाले व्यर्थ पानी साफ सफाई में उपयोग करें तो प्रतिदिन 25 से 30 लीटर पानी की बचत से 4 लाख 50 हजार लीटर पानी की बचत की जा सकती है। गौरतलब है कि आरो फिल्टर 10 लीटर पानी में से 10 लीटर पानी ही निकाल कर देता है व 6 लीटर पानी वेस्ट कर देता है, जिसको इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि यह बहुत ही सराहनीय कार्य है, इससे जहां पानी की बचत होती है, वहीं दूसरों को भी ऐसे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।