30 रुपये किमी का प्रॉफिट देने वाली बसों की आमदनी घटी
बटाला रोडवेज डिपो का घोटाला वर्ष 2017 में भी सामने आया था।
विनय कोछड़, बटाला
वर्ष 2017 से लेकर जून 2018 तक पंजाब रोडवेज बटाला की बसों का प्रॉफिट 30 रुपये किलोमीटर था, लेकिन जुलाई से लेकर अब तक इसका प्रॉफिट घटकर 20 रुपये तक सिकुड़ गया है। इससे बटाला रोडवेज डिपो की इंकम में लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा है। बता दें कि तत्कालीन जीएम एम आर फारुकी ने अपने कार्यकाल में रोडवेज की इंकम बढ़ाने में काफी प्रयास किए। उनके जाने के बाद रोडवेज की आमदान में खासा नुकसान हुआ।
बटाला रोडवेज डिपो का घोटाला वर्ष 2017 में भी सामने आया था। उस समय बटाला डिपो के जीएम एमआर फारुकी थी। उन्होंने इस बात का खुलासा दैनिक जागरण से विशेष बातचीत दौरान किया। उन्होंने बताया कि उन्हें उस समय कैश ब्रांच में लाखों रुपये गड़बड़ी करने का पता चला तो तुरंत इस बारे एक पत्र निकाल कर चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट विभाग को भेजा गया। वहां से एक टीम ने डिपो के कैश रिकार्ड को लगातार दो दिन खंगाला गया। उस दौरान कुछ कैश ब्रांच के कर्मचारियों पर आरोप लगे, जिनके खिलाफ रिपार्ट तैयार की गई। फिलहाल उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। इस बारे कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।
गौरतलब कि एमआर फारुकी के कार्यकाल में बटाला रोडवेज डिपो की आमदनी काफी बढ़ी थी। 20 रुपये प्रति किलोमीटर आमदनी वाली बसें उनके कार्यकाल में 30 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से फायदा देना शुरू कर दिया। ईमानदार छवि के अधिकारी ने बटाला रोडवेज बसों की नुहार बदल दी। बटाला डिपो में प्रति माह 27 लाख रुपये प्रॉफिट बढ़ गया। अब वे जहां से बदल चुके हैं। उनके स्थान पर दर्शन ¨सह गिल ने जुलाई 2018 से अपना पदभार संभाला। उनके पदभार संभालने के बाद बटाला रोडवेज डिपो के उच्चाधिकारियों के खिलाफ कई भ्रष्टाचार जैसे मामले सामने आए। उन पर पंजाब रोडवेज कर्मचारी (इंटक) के नेता र¨वद्र ¨सह ने अरोप लगाए। उन्होंने मांग की कि बारी-बारी कर इसकी निष्पक्ष रुप से जांच हो। प्राइवेट बसों को ज्यादा टाइम देने के लगे आरोप
बटाला रोडवेज डिपो में सरकारी बसों की बजाय प्राइवेट बसों को टाइम देने के आरोप लगे हैं। सरकारी बस को केवल 5 मिनट जबकि निजी बस को 15 मिनट तक टाइम दिया जा रहा है। अनुमान के मुताबिक लगभग 1200 निजी बसें चल रही है।
वाया कपूरथला रुट नहीं चल रही बसें
दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को बस स्टैंड का दौरा किया तो वहां पर कुछ सवारियों में रमेश कुमार, अर¨वद्र ¨सह, मंजीत कौर ने आपबीती सुनाते कहा कि जब उन्होंने कपूरथला के लिए जाना होता है तो सरकारी बस उन्हें सुबानपुर में उतार देती है। विरोध करने पर बस संचालक व सहचालक झगड़ा करते हैं। आरोप लगाते कहा कि पैसे उनसे कपूरथला के लिए जाते हैं। सुबानपुर से उन्हें निजी बस में जाना पड़ता है, जिसके उन्हें एक्सट्रा पैसे देने पड़ते हैं। उन्होंने विभाग से मांग की है कि इसकी जांच कराई जाए तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।
अधिकारियों व कर्मचारियों पर लगे थे आरोप
पिछले दिनों इंटक नेता र¨वद्र ¨सह ने दैनिक जागरण से बातचीत दौरान रोडवेज डिपो के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कैश की हेराफेरी में बड़े स्तर की गड़बड़ी करने के आरोप लगाए। बकायदा उन्होंने अपनी यूनियन का एक प्रेस नोट दैनिक जागरण को जारी किया, जिसमें उन्होंने उच्चाधिकारियों से लेकर कई कैश बांच्र में काम करने वाले कर्मचारियों पर कैश की गड़बड़ी के आरोप लगाए। हालांकि इस खबर के प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आया। तुरंत रिकार्ड को मेनटेन करने के आदेश जारी किए। प्रतिक्रिया मांगने पर जीएम भड़के
इस पूरे प्रकरण को लेकर बटाला रोडवेज डिपो के जीएम दर्शन ¨सह गिल से प्रतिक्रिया मांगी तो वे भड़क उठे। कहने लगे किस आधार पर उन्होंने रोडवेज डिपो के घोटाले की खबर लगा दी। उसके बाद ट्रांसपोर्ट विभाग की मंत्री अरुणा चौधरी को फोन किया तो उनके पति अशोक चौधरी ने उठाया। उन्होंने सारी बात सुनने के बाद दैनिक जागरण की का¨टग व्हट्सआप के जरिय भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि जांच करवा लेते हैं, अगर घोटाला सामने आता है तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा।