पंजाब सरकार के फैसले से ठिठुर रहे बच्चे, व्यापारी परेशान
सर्वशिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को केंद्र सरकार के सहयोग से पंजाब सरकार की तरफ से पिछले कई सालों से सर्दियों की ड्रेस फ्री उपलब्ध करवाई जाती है।
सु¨रदर खोसला, कला लाल ¨सह
सर्वशिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को केंद्र सरकार के सहयोग से पंजाब सरकार की तरफ से पिछले कई सालों से सर्दियों की ड्रेस फ्री उपलब्ध करवाई जाती है। इस ड्रेस की खरीद स्कूल सचिव व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी चेयरमैन की तरफ से संयुक्त रूप से परख कर खरीद की जाती थी। स्कूलों में पढ़ते हरेक बच्चे को उनके पूरे माप की वर्दी उपलब्ध होती थी। मगर इस साल पंजाब सरकार के फैसलों के कारण अभी तक बच्चों को सर्दियों की ड्रेस नहीं मिल पाई।
2018-19 सत्र में पहले पंजाब सरकार ने स्कूलों को हरेक लाभपात्री विद्यार्थी का बैंक खाता खुलवाने का आदेश जारी किया गया, ताकि इस बार ड्रेस के पैसे 400 से बढ़ाकर किए 600 रुपये सीधे बच्चे के बैंक खाते में डाले जाए। सरकारी स्कूलों के स्टाफ ने बच्चों को अकाउंट खुलवाए। जब बच्चों के बैंक खाते खुलवाए गए तो फिर उस खाते में पैसे ना डाल पंजाब सरकार की तरफ से 31 दिसंबर 2018 को एक नया पत्र जारी कर कहा गया कि अब वर्दी के पैसे बच्चों के खातों में डालने की बजाय पहले की तरह स्कूल खाते में डाले जाएंगे। वहीं यह भी स्पष्ट कहा गया कि इस बार भी बच्चों की वर्दी की खरीद एसएमसी अपने अधिकार व देखरेख में खरीदेंगे। इस पत्र में यह भी आदेश जारी किया गया कि ड्रेस खरीद का काम हर हाल में 31 जनवरी 2019 तक मुकम्मल होना चाहिए।
सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले की सभी ने तारीफ कर कहा कि अब जल्द ही बच्चों को उनके सही माप व अच्छी क्वालिटी की वर्दी मिल जाएगी। 31 जनवरी तक का समय तय होने की वजह से ज्यादातर फैक्ट्री वालों ने बड़े स्तर पर वर्दी तैयार करने का काम शुरू कर दिया व व्यपारियों ने भी वर्दी की बड़े स्तर पर खरीद करनी शुरू कर दी। काफी स्कूलों की तरफ से ड्रेस के व्यापारियों को ऑर्डर भी दिए जा चुके थे, लेकिन पंजाब सरकार ने एक बार फिर से फैसला बदलते हुए 10 जनवरी 2019 को एक नया फरमान जारी कर स्कूल मैनेजमेंट कमेटी से ड्रेस खरीदने का अधिकार छीनकर ड्रेस की खरीद खुद करने का फैसला कर कहा कि किसी एक बहुत बड़े व्यापारी को पूरे पंजाब के स्कूलों का टेंडर जारी किया जाएगा।
यह पत्र जारी होते ही अनेकों व्यापारियों के लाखों करोड़ों रुपये का ड्रेस स्टॉक का नुक्कसान होना तय है। पूरे पंजाब में 12 लाख 78 हजार के करीब लाभपात्री विद्यार्थी हैं। इन सभी को 600 रुपये के हिसाब से पैंट, शर्ट, कोटी, टोपी, बूट व जुराबें मिलनी हैं। इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को पूरे माप की किसी एक व्यापारी की तरफ से वर्दी मुहैया करवाना असंभव लगता है। वहीं इस समय भीषण सर्दी चल रही है, लेकिन बच्चों को सर्दियों की ड्रेस नहीं मिल पाई। 1
पंजाब सरकार आम व्यापारियों की बनी दुश्मन
इस संबंधी सीनियर अकाली नेता इंद्रजीत ¨सह रंधावा ने कहा कि अगर पंजाब सरकार ने अपने किसी बड़े एक ही व्यापारी को बड़ा फायदा पहुंचाने के लिए पूरे पंजाब के स्कूलों का टेंडर देना था तो फिर आम व्यापारियों को क्यों धोखे में रख पहला पत्र जारी किया। पहले ही सारी स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं की। पंजाब सरकार के इस बचकाना फैसले से सिर्फ एक बहुत बड़े व्यापारी को फायदा पहुंचा। 2
सर्दी बीतने के बाद ही अब बच्चों को मिलेगी वर्दी
सीनियर अकाली नेता दीपइंद्र ¨सह रंधावा ने कहा कि पहले तो पंजाब सरकार ने पहले पत्र में 31 जनवरी तक ड्रेस देने का काम पूरा करने का स्कूलों को हुक्म जारी किया। इस पर स्कूलों व व्यापारियों की तरफ से काम करना शुरू भी कर दिया गया, मगर 10 जनवरी को पहले पत्र को रद कर पूरे पंजाब का काम एक व्यक्ति को देने के बारे कहा गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि पंजाब सरकार किसी भी छोटे व्यापारी के बारे नहीं सोचती। अब तो सर्दी बीतने के बाद ही बच्चों को सर्दियों की ड्रेस मिलेगी।