बर्फीले तूफान में गुरदासपुर का जवान शहीद, एक महीना पहले घर आई थी 'नन्ही परी'
रंजीत सिंह 45 राष्ट्रीय राइफल में तैनात था। साल 2019 की 26 जनवरी को वह शादी के बंधन में बंधे थे और दिसंबर 2019 को उनके घर बेटी ने जन्म लिया है।
गुरदासपुर, जेएनएन। बर्फ से लदी पहाड़ियों पर देश की सुरक्षा करना हमेशा एक चुनौती रहा है। बर्फीले तूफान व पहाड़ों के दरकने से अब तक सेना के कई जवान शहादत का जाम पी चुके हैं। ऐसा ही एक हादसा कुपवाड़ा जिले के उड़ी सैक्टर हुआ, जिसमें चार जवान शहीद हो गए। इन जवानों में पंजाब के जिला गुरदासपुर के गांव सिद्धपुर नवां पिंड का 26 वर्षीय सिपाही रंजीत सिंह सलारिया भी शामिल है।
जानकारी के अनुसार रंजीत सिंह 45 राष्ट्रीय राइफल में तैनात था। इस समय वह जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। साल 2019 की 26 जनवरी को वह शादी के बंधन में बंधे थे और दिसंबर 2019 को उनके घर बेटी ने जन्म लिया है जिसका नाम परी रखा गया है। लेकिन वह अपनी बच्ची का मुंह भी नहीं देख पाए और वतन पर कुर्बान हो गए। रंजीत की शहादत पर गांव में मातम का माहौल है।
परिवार का इकलौता सहारा था रंजीत
बुधवार को उसकी तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह गांव सिद्धपुर नवां पिंड पहुंचने की संभावना है, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। नम आंखों के साथ शहीद के पिता हरबंस सिंह ने बताया कि हमें मंगलवार को इस बारे में बताया गया कि रंजीत बर्फ में दबने से शहीद हो गए हैं। हरबंस सिंह के कहा कि उनका दूसरा बेटा मंदबुद्धि है और रंजीत परिवार का इकलौता सहारा थे।
24 घंटों में हिमस्खलन से पांच जवानों समेत 11 की मौत
पिछले 24 घंटों के दौरान कश्मीर के विभिन्न इलाकों में हुए हिमस्खलन में पांच जवान शहीद जबकि छह नागरिकों की मौत हो गई है। शहीद होने वालों में चार सेना के जवान, एक बीएसएफ का जवान शामिल है। अभी भी तीन सैनिक लापता बताए जा रहे हैं। उनकी तलाश के लिए बचाव अभियान जारी है।
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