बैंक कर्मियों ने की हड़ताल, लाखों का लेन-देन प्रभावित
बुधवार को सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने हड़ताल की।
विनय कोछड़, बटाला
बुधवार को सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने हड़ताल की। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकस यूनियन (यूएफबीयू) के बैनर बटाला में बैंकों की 30 विभिन्न ब्रांचों ने अपना कामकाज ठप कर हड़ताल को पूर्ण समर्थन दिया। हड़ताल को लेकर बैंक के कर्मियों का एक दिन का पगार काटा गया। पूरे पंजाब में आज 10 लाख करोड़ का कामकाज प्रभावित हुआ। बटाला की बात करें तो यहां पर पांच लाख रुपये के बैंकों में पैसे के लेन-देन का काम प्रभावित हुआ।
बताते चलें कि बैंक कर्मियों ने विजया बैंक, देना बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने के लिए सरकार के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। यूनियन ने बताया कि अगर सरकार ने जल्द अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो वे 8 व 9 जनवरी को दो दिन की हड़ताल पर चले जाएंगे। बैंकों के बंद रहने से लोगों को अपने पैसे निकलवाने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई जगह एटीएम में पैसा मौजूद नहीं होने से लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ा। शहर में कई ऐसे एटीएम भी थे, जिनको कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया। लेकिन बाद में एटीएम खुल जाने से लोगों ने कुछ राहत महसूस की।
यूनियन के नेताओं ने बताया कि विलय तो उनका मेन मुद्दा है, लेकिन इसके अलावा सरकार उनके वेतन को लंबे समय से भी नहीं बढ़ा रही है। पेंशन निकालने आया तो देखा बैंक बंद
रिटायर फौजी मक्खन ¨सह ने बताया कि वे जम्मू-कश्मीर से फौज में कांस्टेबल रिटायर हुए हैं। प्रतिमाह उसकी पेंशन बैंक में आती है। मालूम नहीं था कि बुधवार को बैंक कर्मियों की हड़ताल है। एटीएम चेक किया तो उसमें बैलस नहीं था। पेंशन के पैसे से उनके घर का गुजारा चलता है, लेकिन हड़ताल की वजह से उन्हें बैरंग घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसी प्रकार कॉलेज के लेक्चरर मंगल ¨सह ने बताया कि बैंक कर्मियों की मांगें जायज हैं। इस पर सरकार को जरूर एक बार विचार करना चाहिए। बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन
जीआरपी 47
संस, गुरदासपुर : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समक्ष बैंक यूनियन के संयुक्त फोरम के आह्वान पर कर्मचारियों ने बैंकों के विलय के विरोध में रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान एसबीआइ के रिजनल सचिव राकेश कुमार, पीएनबी के अध्यक्ष संजीव सांवल और मनदीप ने कहा कि सरकार बढ़ते हुए एनपीए से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विलय का रास्ता अपना रही है। उन्होंने मांग की कि वेतन रिवीजन जल्द की जाए, बैंकों के विलय की नीति को छोड़ कर सरकार बैं¨कग सुधारों को लागू करने और विलय की उपेक्षा खराब लोनों की रिकवरी करने में बैंकों की सहायता करनी चाहिए। इस प्रदर्शन में कामरेड नवीन उप्पल, दिलीप ¨सह, रमन, दर्शन कुमार, सोनू, चंदन कुमार, प्रोमिला, शशि आदि उपस्थित थे।