स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर चढ़ाई फूल-मालाएं
स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती के उपलक्ष्य पर शहर के विभिन्न संगठनों ने उनकी प्रतिमा पर फूल मालाएं चढ़ाकर लोगों को लड्डू बांटे।
संवाद सहयोगी, कादियां : स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती के उपलक्ष्य पर शहर के विभिन्न संगठनों ने उनकी प्रतिमा पर फूल मालाएं चढ़ाकर लोगों को लड्डू बांटे। इस दौरान संबोधन करते हुए प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. बचलरणजीत ¨सह भाटिया ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द एक महान शख्सियत थे। उनके जीवन से आज के नौजवानों को सीख लेनी चाहिए। स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1963 को एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता विश्वनाथ कोलकत्ता उच्च न्यायलय में सफल अटार्नी थे।
भाजपा के मंडल प्रधान जोगिन्द्रपाल भुट्टो तथा महासचिव अश्विनी वर्मा ने उनके जीवन के कुछ अंशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नरेन्द्रदत्त उर्फ स्वामी विवेकानन्द एकाग्र बुद्धि के मालिक थे। उन्होंने कानून की पढ़ाई की तथा धार्मिक, आध्यात्मिक संशयों के निवारण हेतू अनेक लोगों से मिले, लेकिन कहीं भी उनकी शंकाओं का समाधान नहीं हुआ। अंतत: वे स्वामी रामकृष्ण परमहंस से मिले। उन्होंने नरेन्द्रदत्त को देखते ही पूछा कि क्या तुम धर्म विषयक कुछ भजन गा सकते हो, जिस पर विवेकानंद ने मधुर भजन सुनाये तथा उनके शिष्य बन गये। 1887 से 1892 के बीच स्वामी विवेकानन्द एकांतवास में रहे। 16 अगस्त 1886 को स्वामी परमहंस परलोक सिधार गए। स्पोर्ट्स इंचार्ज पंजाब गौरव राजपूत ने भी स्वामी विवेकानन्द के जीवन से संबंधित अहम बातों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उनके साथ प्रदीप सहगल, विप्पन कुमार शर्मा, पूर्ण चन्द, गौरव राजपूत, डिंपल, संदीप भगत, जोगिन्द्रपाल भुट्टो, उपप्रधन गुलशन वर्मा, वाइस प्रधान जसपाल, महासचिव अशवनी वर्मा, कैशियर संदीप कुमार, सहायक छज्जु राम, सचिव बचन लाल,महिला मंडल प्रधान कुलविन्द्र कौर, डॉ. बलचरणजीत भाटिया, डॉ. नरेश कुमार, वरिन्द्र खोसला, अमित महाजन, सोशल मीडिया इंचार्ज, संजीव सूरी, सतीश कुमार शर्मा, दीपक शर्मा, प्रवीण कुमार महाजन, दर्शन ¨सह, विजय गुप्ता, अनिल शर्मा आदि उपस्थित थे।