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प्लाटों की अलाटमेंट रद, 54 परिवारों का घर बनाने का सपना चकनाचूर

ब्लॉक कलानौर के अधीन आते गांव नानोवाल के 54 परिवारों को दिए गए प्लाटों की अलाटमेंट रद हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 05:00 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 05:00 PM (IST)
प्लाटों की अलाटमेंट रद, 54 परिवारों का घर बनाने का सपना चकनाचूर
प्लाटों की अलाटमेंट रद, 54 परिवारों का घर बनाने का सपना चकनाचूर

कुलदीप ¨सह जाफलपुर, काहनूवान

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ब्लॉक कलानौर के अधीन आते गांव नानोवाल के 54 परिवारों को दिए गए प्लाटों की अलाटमेंट रद हो गई है। इस कारण उनका घर बनाने का सपना कभी भी पूरा नहीं होगा।

गांव नानोवाल खुर्द के ईसाई व अन्य परिवारों को 2004 में कांग्रेस सरकार के समय घरों का निर्माण करने के लिए प्लाट अलाट किए गए थे। ये प्लाट एडीसी विकास गुरदासपुर ने जारी किए थे। पंचायत विभाग व सरकार के नियमों के तहत लाभपात्रों को तीन साल में इन प्लाटों पर अपने घर निर्माण करने होते हैं। वे न ही प्लाट बेच सकते हैं तथा न ही किसी के साथ तबादला कर सकते हैं। अब अदालत ने इन प्लाटों के वितरण को रद कर दिया है। इन प्लाटों के साथ लगते रकबे का रास्ता गांव नानोवाल खुर्द के कुछ रसूखदार किसान परिवारों के रकबे के साथ लगता है। इन किसानों ने ये पंचायत की जमीन को लगते रास्ते को अपने खेतों में मिला रखा है। इसके चलते कोई रास्ता न होने के कारण कुछ परिवार इन प्लाटों में अपने घरों का निर्माण नहीं कर सके। हैरानी की बात है कि जिन किसान परिवारों ने पंचायती जमीन के रास्ते पर कब्जा किया हुआ है उनकी ओर से डीडीपीओ गुरदासपुर की अदालत में एक शिकायत करके प्लाटों के मालिकी हक रद करने की मांग की थी। लाभपात्री प्रेम मसीह, मलूक मसीह, जगतार मसीह, प्रेम मसीह, तरसेम आदि ने बताया कि गांव की पंचायत में मिले प्लाटों को जो रास्ता लगता था वे गांव के कुछ जमींदार परिवारों के खेतों से लगता है। उन्होंने 2013 में इन प्लाटों को लगते रास्ते की माल विभाग के पास निशानदेही भी की थी। मगर सियासी व रसूखदार लोगों की पहुंच के चलते यह निशानदेही लागू नहीं हो सकी। अब गांव नानोवाल के नंबरदार अमानत ¨सह, दिलावर ¨सह, तारा ¨सह, सु¨रदर ¨सह, हरबंस ¨सह, जो¨गदर ¨सह, पंच र¨वदर ¨सह व पंच गुरनाम ¨सह आदि ने इन प्लाटों की अलाटमेंट रद करने की डीडीपीओ गुरदासपुर को लिखती शिकायत की थी। इस पर अदालती प्रक्रिया पूरी करते हुए डीडीपीओ गुरदासपुर ने 18 अक्टूबर 2018 को दलितों के मालकी हक खत्म कर दिए गए। लाभपात्रियों ने कहा कि वे प्रदेश पंचायत डायरेक्टर की शरण में जा रहे हैं, ताकि इन गरीब परिवारों के प्लाटों के हक फिर से बहाल हो सके। जानकारी के अनुसार गत 11 अक्टूबर को डीडीपीओ कोर्ट ने ब्लाक विकास अधिकारी काहनूवान को नानोवाल में प्लाटों का मौजूदा हालात व मौका देखने के लिखती आदेश दिए थे, मगर किसी भी अधिकारी ने यह रिपोर्ट नहीं दी। तीन वर्षो में घरों का निर्माण नहीं करने के कारण प्लाटों की अलाटमेंट रद हुआ

इस संबंधी ब्लाक विकास अधिकारी काहनूवान ¨जदरपाल ¨सह से बात की तो उन्होंने कहा कि लाभपात्री तीन साल में अपने प्लाटों पर निर्माण नहीं कर सके। पंचायत विभाग व पंजाब सरकार के नियम है कि तीन साल में लाभपात्री को इस प्लाट पर घर का निर्माण करना होता है। उन्होंने कहा कि लाभपात्री अपने इंसाफ के लिए ऊपर की अदालत में जाने के हकदार हैं।


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