गुरदासपुर में थम गया चुनावी प्रचार व सीमाएं हुई सील, अब 11 को होगा मतदान
गुरदासपुर उपचुनाव के लिए प्रचार को शोर सोमवार को थम गया। अब 11 अक्टूबर को मतदान होगा। यहां भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है।
जेएनएन, चंडीगढ़। गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी। कांग्रेस की तरफ से अंतिम दिन चुनाव प्रचार की कमान खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने संभाली तो भाजपा की तरफ से प्रदेश प्रधान व प्रदेश प्रभारी सहित अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल व प्रदेश स्तरीय सभी नेताओं ने पूरे दिन प्रचार किया। आम आदमी पार्टी की तरफ से भगवंत भी चुनावी प्रचार के मौदान में डटे रहे।
इसके बाद देर शाम तक लगभग सभी नेताओं ने गुरदासपुर छोड़ दिया है। चुनाव आयोग के आदेश पर पुलिस व अर्धनासैनिक बलों की 8 कंपनियों ने गुरदासपुर लोकसभा हलके की सीमाएं सील कर ली हैं। 11 को मतदान होना है और 15 को परिणाम आएगा। चुनावी मैदान में 11 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: आप का भोग डालने वाले अकालियों को विपक्ष भी नसीब नहीं हुआ : मान
मौजूदा चुनाव में पहली बार हलके में मतदान के लिए ईवीएम मशीनों के साथ-साथ वीवीपैट मशीनों का भी प्रयोग किया जाएगा। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रचार में सभी दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में रोड शो निकाला। कैप्टन इससे पहले दो बार सुनील जाखड़ के नामांकन व दशहरे पर आयोजित जनसभा व कार्यक्रम के दौरान पठानकोट गए।
उप चुनाव में गुरदासपुर लोकसभा हलके के 1523043 वोटर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 27774 सर्विस वोटर हैं। आम मतदाताओं में डेरा बाबा नानक में सबसे ज्यादा 179966 वोटर है। वहीं सबसे कम वोटर 144779 वोटर पठानकोट में हैं। आयोग ने मतदान के लिए 1781 पोलिंग बूथ बनावाए हैं। आयोग ने 457 मतदान केन्द्रों को संवेदनशील व 73 को अति संवेदनशील घोषित किया है।
यह भी पढ़ें: कैप्टन की जिद और शाही राजनीति से विधायक परेशान : सुखबीर बादल
उप चुनाव के मैदान में कुल 11 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस, भाजपा-अकाली गठबंधन व आम आदमी पार्टी के बीच ही होगा। तीनों ही दलों के सूबे के दिग्गज नेताओं ने सोमवार को पूरे दिन चुनाव प्रचार कर अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन हासिल करने की कवायद की है। सोमवार शाम को सभी नेताओं ने गुरदासपुर की सीमा से बाहर का रुख कर लिया। अब आगे दो दिन के गुप्त चुनावी प्रचार की कमान स्थानीय नेताओं व विधायकों के हवाले है।