परमात्मा से नाता जोड़ते हैं सतगुरु
पूर्ण सतगुरु इंसान को निराकार के दर्शन करवाकर परमपिता परमात्मा से प्रीति लगाता है।
संवाद सहयोगी, दीनानगर : पूर्ण सतगुरु इंसान को निराकार के दर्शन करवाकर परमपिता परमात्मा से प्रीति लगाता है। यही कारण है कि वह इंसान न रहकर महात्मा बन जाता है। उक्त विचार दीनानगर स्थित निरंकारी भवन में रविवार को आयोजित हुए सप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम के दौरान मुख्य मंच पर विराजमान महात्मा ¨प्रसिपल विजय कुमार ने श्रद्धालुओं को संबोधित करने के दौरान व्यक्त किए।
सत्संग कार्यक्रम का आयोजन ब्रांच के मुखी महात्मा अमरजीत ¨सह की अध्यक्षता में हुआ। सत्संग सुबह 11 बजे शुरू हुआ, जो दोपहर 1 बजे संपन्न हुआ। सत्संग के दौरान सर्वप्रथम श्रद्धालुओं द्वारा सतगुरु की शिक्षाओं को समर्पित भजन, विचार एवं कविताएं प्रस्तुत करके सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया। इनके बाद स्टेज पर विराजमान महात्मा विजय कुमार ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि संसार में सतगुरु केवल एक होता है, जो शरण में आने वाले भक्तजनों को निराकार के दर्शन करवाकर उसका नाता परमात्मा से जोड़ देता है। उन्होंने श्रीमद भगवत गीता में प्रभु श्री कृष्ण एवं अर्जुन को ज्ञान देने संबंधी विस्तृत जानकारी दी। कहा कि जो ब्रह्म ज्ञान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को उस युद्ध भूमि में दिया था और अपने वास्तविक स्वरूप निराकार के दर्शन करवाए थे। कण-कण में व्यापक परम सत्य है के दर्शन के पश्चात इंसान का विश्वास परमात्मा पर दृढ़ होता है। उन्होंने कहा कि जब तक इंसान इस परमात्मा के दर्शन नहीं करता तब तक इंसान का मन में अंधकार रूपी भ्रम विकारों में फंसा रहता है। उन्होंने कहा कि पूर्ण सतगुरु से सत्य एवं ज्ञान रूपी रोशनी प्राप्त करने के पश्चात इंसान का मन केवल भ्रम-भ्रांतियां से ही दूर नहीं होता बल्कि उसे वास्तविक आनंद की भी प्राप्ति होती है। इसके बाद वह आवागमन के चक्कर में नहीं पड़ता। अंत में उन्होंने सतगुरु माता सुदीक्षा स¨वदर हरदेव जी द्वारा बताई जा रही शिक्षाओं पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर ब्रांच संचालक महात्मा मनोज कुमार, पंकज कुमार, पंकज सैनी, गौरव बबूल, बहन कुसुम सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।