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देश में 6 मौतों के पीछे एक व्यक्ति की मौत प्रदूषित हवा से

दैनिक जागरण की ओर से खेतों में पराली नहीं जलाने व वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए महाभियान चलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 08:09 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 08:09 PM (IST)
देश में 6 मौतों के पीछे एक व्यक्ति की मौत प्रदूषित हवा से
देश में 6 मौतों के पीछे एक व्यक्ति की मौत प्रदूषित हवा से

कुलदीप ¨सह जाफलपुर, काहनूवान

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दैनिक जागरण की ओर से खेतों में पराली नहीं जलाने व वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए महाभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत किसानों को खेतों में धान की कटाई करने के बाद पराली व अवशेष को आग न लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस मुहिम के तहत कुदरती खेती को समर्पित व खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना की ओर से इस साल स मानित नौजवान किसान ह¨रदर ¨सह रियाड़ ने अपने भामड़ी पुल के पास प्रभावशाली समागम करवाया। इसमें विभिन्न वक्ताओं व किसानों ने विशेष रुचि दिखाई।

वक्ताओं ने बताया कि हवा का प्रदूषण का पैमाना इस हद तक बढ़ चुका है कि पूरी मानवता व कुदरती वनस्पति भी खतरे के निशान पर है। अब तक पूरी दुनिया की 7 अरब 70 करोड़ अबादी में से 30 फीसद सांस के रोगों से पीड़त है। देश में प्रत्येक 6 मौतें में एक मौत सांस के रोग सो होती है, जोकि हवा के प्रदूषण के कारण होता है। भारत में हर साल 30 लाख लोग प्रदूषण के कारण मरते हैं। चीन में 18 लाख लोग सांस प्रदूषण से मरते हैं। खेतों में आग से खेती के मित्र कीड़े खत्म हो रहे हैं। कई दुर्लभ किस्म के जीव व पंछी खत्म होने के किनारे है। अंत में सभी किसानों व वक्ताओं ने खेतों में पराली न जलाने का संकल्प लिया। 75

धान की लेट बिजाई सरकार का गलत फैसला : रंजीत ¨सह

किसान रंजीत ¨सह ने कहा कि पंजाब सरकार की लेट धान की बिजाई एक गलत फैसला है। अब किसानों की फसल लेट पक रही है। इस कारण किसानों को अब गेहूं की बिजाई करने में देरी हो रही है। सरकार किसानों पर पराली जलाने के मामले दर्ज कर रही है। जुर्माने डाले जा रहे हैं। इस कारण किसानों को विरोध बढ़ता चला जा रहा है। सरकार किसानों से स ती की बजाय तालमेल व बनती माली सहायता पर एकड़ तय करे। 78

सात साल से पराली को आग नहीं लगाई :अवतार ¨सह

किसान अवतार ¨सह संधू ने बताया कि जब उसने पराली व गेहूं के नाड़ को आग न लगाकर खेतों में ही खत्म करने की बात अपने घर वालों से की तो उन्होंने कहा कि यह कार्य असंभव है। लेकिन मैंने हौसला नहीं छोड़ा। आज सात साल हो गए उसने कभी भी खेतों में पराली को आग नहीं लगाई। आधुनिक खेती औजारों से पराली व अवशेष को खेतों में ही जोता है। किसानों के लिए यह खुशी की बात है कि जागरण उनके बेहतर भविष्य करे लिए प्रयास कर रहा हैं। 76

कुदरती त्रासदी के लिए मानव जिम्मेदार : गु¨रदरजीत

वातावरण प्रेमी गु¨रदरजीत पन्नू ने कहा कि कुदरत की त्रासदी के लिए मानव जिम्मेदार है। पहले मानव ने जंगल काट कर कुदरत को तबाह किया। अब किसान भी धरती व हवा के अलावा पानी को भी प्रदूषित कर रहा है। जो फर्ज किसान व खेती माहिरों का है। वह फर्ज जागरण निभा रहा है। अब किसान भी अपनी भूल को समझने लगे हैं। मगर किसानों की खेती व अवशेष की समस्याएं भी सरकार हल करें। 74

किसानों को पराली खेतों में जोतने के लिए आधुनिक औजारों की जरूरत : ह¨रदर ¨सह

किसान ह¨रदर ¨सह ने बताया कि पंजाब में 70 फीसद किसान 3 से 5 एकड़ खेत का मालक है। किसान को खेतों में पराली जोतने के लिए बहुत आधुनिक व महंगे खेती औजारों की जरुरत है। जोकि आम किसान के की पहुंच से बाहर है। साधारण हल भी 30 हजार की है। हैप्पी सीडर भी 50 हजार के करीब बै। पलटावी हल भी 25 हजार है। किसान यह औजार ग्रुप में खरीद सकते हैं। लेकिन किसानों को यह जानकारी नहीं है कि उनको सबसिडी पर औजार मिलते है। पंजाब सरकार को खेती विभाग के माध्यम से यह सूचना देनी बनती है। 77

पराली को आग लगानी अपनी खेती को आग लगाने जैसा : कैप्टन ¨सह

कैप्टन ¨सह ने कहा कि पंजाब में रिवायती खेती की विरासत आधुनिकता की चकाचौंध में खत्म हो गई है। किसान हर हालत में खेती काम जल्द से मुक मल करना चाहता है। यह जल्दी ही खेती, धरती व हवा की दुश्मन बन गई है। जबकि किसान के पास काफी समय होता है कि वह खेती रुझेवें खत्म कर सकता है। मगर खेतों में आग लगानी अपने कित्ते को खत्म करने वाली बात जैसा है। किसानों को अपना फर्ज पहचानते हुए अदारा जागरण की मुहिम सफल करनी चाहिए।


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