पांच बरातियों को लेकर ट्रैक्टर पर दुल्हन लाया दुबई में रहने वाला गोरा, दहेज केे लिए भी ना
दुबई से लौटा एक किसान का बेटा गोरा ट्रैक्टर पर अपनी दुल्हन को लाया। खास बात यह रही कि उनकी बरात में लड़के वालों की तरफ से सिर्फ पांच सदस्य ही शामिल रहे।
बटाला [विनय कोछड़]। पंजाब की शादियां अपनी तड़क-भड़क के लिए जानी जाती हैं। अधिकतर शादी में शौकीन युवा अपनी दुल्हन महंगी कारों और हेलीकॉप्टर में लेकर आते हैं, मगर दुबई से लौटा एक किसान का बेटा गोरा ट्रैक्टर पर अपनी दुल्हन को लाया। खास बात यह रही कि उनकी बरात में लड़के वालों की तरफ से सिर्फ पांच सदस्य ही शामिल रहे। शादी के फेरे गुरुद्वारा साहिब में लिए गए। बरातियों ने खाना लंगर के रूप में गुरुद्वारा साहिब में एक पंक्ति में बैठकर छका। दहेज में दूल्हेे गुरप्रीत सिंह उर्फ गोरा ने कुछ नहीं लिया।
गोरा ने बताया कि वह पिछले पांच साल से दुबई में ट्राला चलाने का काम कर रहा है। वह सादगी में विश्वास रखता है। अपनी सपनों की दुल्हन को ट्रैक्टर में बैठाकर लाने की तमन्ना बचपन से ही थी। दिलचस्प बात यह है कि पांच दिन पहले लड़के ने जिला तरनतारन के गांव बंडाला की रहने वाली मंदीप कौर को देखा था। पहली नजर में उसने अपनी सपनों की रानी को पसंद कर लिया। घर में सारा परिवार एक साथ इकट्ठा रहता है। चाचा अवतार सिंह गांव छित्थ के सरपंच है। उन्होंने बताया कि घर में पहले भी जितने विवाह हुए उन्हें बहुत साधारण तरीके से किया गया। लड़कों के विवाह में दहेज बिल्कुल नहीं लिया गया, क्योंकि वह दहेज लेना पाप समझते हैं।
पत्नी बोली- मेरी लिए खुशी की बात
गोरा की पत्नी मंदीप कौर ने बताया कि यह उसके लिए बड़ी खुशी की बात है। मेरे पति ने ट्रैक्टर से बरात निकाली। यह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा था, जिसे वह कभी भुुला नहीं सकती हैंं।
गांववासियों ने किया भव्य स्वागत
बरात गांव छित्थ पहुंचने पर गांववासियों ने भव्य स्वागत किया। नवविवाहित जोड़े पर फूल बरसाए गए। ऐसा करने वाले गोरा अपने गांव के पहले आदमी हैं, जिन्होंने ट्रैक्टर पर बरात निकाली है। उधर, गांव के युवाओं तथा बुजुर्गो ने गोरा के इस कदम की काफी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि समाज के लिए एक अच्छा कदम है।
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