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प्यार की पुकार... शादी के लिए प्रेमिका ने रखी ऐसी शर्त कि प्रेमी पहुंचा सीधे नशा छुड़ाओ केंद्र

प्यार की पुकार पर तरनतारन का 28 वर्षीय युवक 11 साल बाद नशा छोड़ने को तैयार हो गया है। दरअसल प्रेमिका ने शादी के लिए नशा छोड़ने की शर्त रखी थी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 02:36 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 02:36 PM (IST)
प्यार की पुकार... शादी के लिए प्रेमिका ने रखी ऐसी शर्त कि प्रेमी पहुंचा सीधे नशा छुड़ाओ केंद्र
प्यार की पुकार... शादी के लिए प्रेमिका ने रखी ऐसी शर्त कि प्रेमी पहुंचा सीधे नशा छुड़ाओ केंद्र

गुरदासपुर [सुनील थानेवालिया]। प्यार इंसान की जिंदगी बदल देता है। प्यार के लिए वह कुछ भी कर सकता है। प्यार की पुकार पर तरनतारन का 28 वर्षीय युवक 11 साल बाद नशा छोड़ने को तैयार हो गया है। दरअसल सात साल से वह जिस युवती से प्यार करता था उसने अब शर्त रख दी है कि अगर उसने नशा नहीं छोड़ा तो वह उससे शादी नहीं करेगी। अब वह पिछले एक महीने से गुरदासपुर के रेडक्रॉस नशा छुड़ाओ केंद्र में खुद को नशे की दलदल से निकालने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। 

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नशा छुड़ाओ केंद्र में भर्ती युवक का कहना है कि पिता प्राइवेट नौकरी और मां लोगों की मदद के लिए एनजीओ के काम में व्यस्त रहते थे। किसी का ध्यान नहीं था और वह नशे के दलदल में फंस गया। 11 साल तक नशा किया। चोरी और लूट भी की। जब वह दसवीं में पढ़ता था तो स्कूटर की पार्किंग फीस बचाने के चक्कर में नशे में फंस गया। वह स्कूटर को स्कूल के पास एक घर में पार्क करता था। उस परिवार का बेटा भूसे वाले कमरे में छिपकर स्मैक का नशा करता था। एक दिन उसका परिवार शादी में गया था। युवक ने उसे बुलाकर पहली बार नशा दिया। नशा करते ही उसे उलटी हो गई।

100 रुपये का नशा बर्बाद होने पर युवक ने थप्पड़ मारे और उससे पैसे मांगने लगा। घर जाकर उसने गुरुद्वारों की यात्रा पर जाने के लिए रखे 400 रुपये लिए और फिर उस युवक के पास जाकर नशा किया। फिर नशे की लत ऐसी लगी और वह एक महीने तक स्कूल नहीं गया। दसवीं में फेल भी हो गया। वर्ष 2013 में वह एक साथी के साथ उसके फूफा के गांव गया। उसके फूफा ने उसे पहली बार हेरोइन का नशा करवाया। यहीं एक तस्कर से मिलाया जो उसे 500 रुपये प्रति ग्राम हेरोइन देने लगा।

परिवार ने 83 दिन कमरे में रखा बंद, वहां भी किया नशा

वर्ष 2017 में एक दिन वह नशे की हालत में पार्क में पड़ा हुआ था। किसी ने पिता को बता दिया और उसे 83 दिन कमरे में बंद करके रखा गया। जिस कमरे में रखा गया वहां उसने पंखे में छिपाकर 80 ग्राम हेरोइन रखी थी। वह वहां भी नशा करता रहा। इसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन वहां भी वह चाचा के बेटे से नशा मंगवा लेता था। फिर स्वजनों ने उसे हिमाचल प्रदेश के अंब में एक निजी नशा छुड़ाओ केंद्र में भेज दिया। वहां से बाहर आते ही वह फिर नशा करने लगा।

मामा के घर से चोरी किए थे गहने

युवक ने बताया कि नशे के लिए उसने मामा के घर से गहने चोरी किए थे। गहने 6.83 लाख रुपये में बेचकर पैसा नशे में उड़ा दिया। एक नशेड़ी दोस्त के कहने पर बैंक से पैसे लेकर आ रही उसकी बुआ से सात लाख रुपये छीन लिए थे। इस मामले में सजा भी हुई थी।

आसानी से मिल रहा नशा : महाजन

रेडक्रॉस नशा छुड़ाओ केंद्र प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोमेश महाजन का कहना है कि युवाओं को नशा आसानी से मिल रहा है इसलिए वह इस दलदल में अधिक फंस रहे हैं। जागरूकता से ही युवाओं को नशे से बचाया जा सकता है।

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