चाइना वायरस की चपेट में आने से जिले में चार हजार एकड़ धान की फसल प्रभावित
गुरदासपुर के अधीन आते ब्लाक कलानौर के गांव हकीमपुर में किसानों ने चाइना वायरस की चपेट में आए धान को खेतों में से उखाड़ कर बाहर फेंकना शुरू कर दिया है। उन्होंने सरकार से गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
महिंदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर। चाइना वायरस के हुए हमले के कारण किसान धान की फसल को अपने खेतों में से उखाड़ कर बाहर फेंकने के लिए मजबूर हो गए हैं। इसकी ताजा मिसाल सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के अधीन आते ब्लाक कलानौर के गांव हकीमपुर से मिलती है। यहां किसान की ओर से चाइना वायरस की लपेट में आए धान को खेतों में से उखाड़ कर बाहर फेंकना शुरू कर दिया है।
शुक्रवार को जब गांव का दौरा किया गया तो किसान दर्शन सिंह अपने साथियों सहित परमल पी आर 121 फसल को खेतों में उखाड़ कर बाहर फेंक रहे थे। इस मौके पर किसान दर्शन सिंह, अवतार सिंह, हरभजन सिंह व प्रशोतम सिंह ने बताया कि 121 परमल की फसल बड़े स्तर पर चाइना वायरस की चपेट में आ चुकी है। दर्शन सिंह ने बताया कि उसने दो एकड़ जमीन प्रति एकड़ 45 हजार रुपये ठेके पर लेकर धान की काश्त की थी। धान की पनीरी लगाने के करीब डेढ़ महीने के बाद खेत में कोई पौधे छोटे रह गए थे। इस संबंधी उसने खेतीबाड़ी विभाग को सूचित किया। जहां से खेतीबाड़ी विभाग की ओर से उन्हें समय समय पर स्प्रे करने के लिए प्रेरित किया जाता रहा। उसने चार बार महंगे दाम की स्प्रे भी की।
प्रभावित किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा
उसने बताया कि प्रति एकड़ धान की फसल पर करीब 15 हजार रुपये खर्च किया गया था। इस समय उनकी फसल पर 30 फीसद से अधिक चाइना वायरस का हमला हो चुका है। इसके चलते वह फसल को खेतों में उखाड़ कर बाहर फेंकने के लिए मजबूर है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि चाइना वायरस की चपेट में आई फसल की गिरदावरी करवा कर किसानों को तुरंत मुआवजा दिया जाए।
ब्लाक स्तर पर तैयार की जा रही रिपोर्ट
दूसरी तरफ जिला खेतीबाड़ी विभाग गुरदासपुर की ओर से चाइना वायरस की लपेट में आए खेतों की रिपोर्ट ब्लाक स्तर पर तैयार की जा रही है। जिला गुरदासपुर के खेतीबाड़ी अधिकारी डा. कंवलप्रीत सिंह का कहना है कि विभिन्न ब्लाकों में करीब चार हजार धान के रकबे की रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजी गई है और खेतीबाड़ी विभाग की ओर से निचले स्तर पर रिपोर्टे तैयार की जा रही है।