किसान कश्मीर सिंह नहीं जलाता पराली, खेतों में ही जोतकर करता है गेहूं की बिजाई
कलानौर के गांव बलीम के किसान व सेवानिवृत्त कैप्टन कश्मीर सिंह पिछले चार साल से धान की पराली को खेतों में ही जोत कर गेहूं की बिजाई कर रहा है व आग न लगाकर वातावरण को शुद्ध रखने का प्रयास कर रहा है।
संवाद सहयोगी, कलानौर : कलानौर के गांव बलीम के किसान व सेवानिवृत्त कैप्टन कश्मीर सिंह पिछले चार साल से धान की पराली को खेतों में ही जोत कर गेहूं की बिजाई कर रहा है व आग न लगाकर वातावरण को शुद्ध रखने का प्रयास कर रहा है।
कृषि विभाग के डॉ. जोबनजीत सिंह ने कहा कि वातावरण को शुद्ध रखने व जमीन के मित्र कीड़े नष्ट होने से बचाने वाले इस किसान कश्मीर सिंह का कृषि विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा। गांव बलीम के खेतों में धान की पराली को खेतों में जोतकर ही जीरो ड्रिल के माध्यम से बिजाई कर रहे कैप्टन कश्मीर सिंह ने बताया कि वह पिछले चार साल से लगातार धान की पराली को आग नहीं लगा रहा और पराली को खेतों में जोतकर गेहूं की बिजाई कर रहा है। धान की पराली को आग लगाने से जहां वातावरण दूषित होता है। वहीं, आग लगाने से जमीन के मित्र कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं। जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह पराली को आग न लगाएं और खेतों में ही जोतकर वातावरण को शुद्ध रखें।