बेटा जेल में मरा नहीं, टीका लगाकर मारा गया
ऐतिहासिक कस्बा के सुखप्रीत ¨सह जो नाभा जेल में हवालाती के रूप में बंद था, की रविवार को हुई मौत को पारिवारिक सदस्यों ने इसे साजिश बताते हुए कत्ल करने के आरोप लगाए। सोमवार देर रात कलानौर में कबड्डी खिलाड़ी रहे सुखप्रीत ¨सह का शव पहुंचने पर कस्बे में मातम छा गया। मंगलवार को सुखप्रीत का अंतिम संस्कार करने के बाद पारिवारिक सदस्यों ने सुखप्रीत को साजिश के तहत टीका लगाकर मारने का आरोप लगाया। इस रोष स्वरूप जेल प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। परिजनों ने जेल मंत्री सुख¨जदर ¨सह रंधावा से सुखप्रीत की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मृतक के चचेरे भाई नवप्रीत व महकप्रीत तथा पिता हरदीप ¨सह ने बताया कि उनके बेटे सुखप्रीत ¨सह, जिसको 16 जून 2017 को घर से मोहाली पुलिस ने उठाया था तथा कुछ दिनों के बाद ही मोहाली पुलिस ने बब्बर खालसा से झूठे संबंध बनाकर सुखप्रीत ¨सह के अलावा अन्य स्थानों से पकड़ी एक महिला सहित 11 व्यक्तियों पर समाज विरोधी गतिविधियों के तहत मामला दर्ज किया था।
संवाद सहयोगी, कलानौर : ऐतिहासिक कस्बा के सुखप्रीत ¨सह जो नाभा जेल में हवालाती के रूप में बंद था, की रविवार को हुई मौत को पारिवारिक सदस्यों ने इसे साजिश बताते हुए कत्ल करने के आरोप लगाए। सोमवार देर रात कलानौर में कबड्डी खिलाड़ी रहे सुखप्रीत ¨सह का शव पहुंचने पर कस्बे में मातम छा गया। मंगलवार को सुखप्रीत का अंतिम संस्कार करने के बाद पारिवारिक सदस्यों ने सुखप्रीत को साजिश के तहत टीका लगाकर मारने का आरोप लगाया। इस रोष स्वरूप जेल प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। परिजनों ने जेल मंत्री सुख¨जदर ¨सह रंधावा से सुखप्रीत की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मृतक के चचेरे भाई नवप्रीत व महकप्रीत तथा पिता हरदीप ¨सह ने बताया कि उनके बेटे सुखप्रीत ¨सह, जिसको 16 जून 2017 को घर से मोहाली पुलिस ने उठाया था तथा कुछ दिनों के बाद ही मोहाली पुलिस ने बब्बर खालसा से झूठे संबंध बनाकर सुखप्रीत ¨सह के अलावा अन्य स्थानों से पकड़ी एक महिला सहित 11 व्यक्तियों पर समाज विरोधी गतिविधियों के तहत मामला दर्ज किया था।
सुखप्रीत को नहीं थी कोई बीमारी
परिजनों ने कहा कि सुखप्रीत ¨सह जो पिछले डेढ़ साल से जेल में हवालाती बंद था, के खिलाफ पुलिस अदालत में कोई भी सबूत पेश नहीं कर सकी। सुखप्रीत जो एक अच्छा कबड्डी खिलाड़ी व गत 5 दिसंबर को पारिवारिक सदस्य पेशी के दौरान उसको मिलकर आए थे। सुखप्रीत किसी भी बीमारी से ग्रस्त नहीं था, जबकि कुछ समय पहले पुलिस द्वारा सुखप्रीत को थर्ड डिग्री दिया था जिसके कारण उसके घुटनों में दर्द रहती थी। इसकी एमआर भी की हुई थी।
सबूत न मिलने पर हत्या की हुई प्लानिंग
परिजनों ने बताया कि सुखप्रीत ¨सह के खिलाफ कोई ठोस सबूत न होने के कारण वह जल्द रिहा हो रहा था। उसके घर आने से पहले विरोधी लोगों ने साजिश के तहत रविवार को नाभा जेल के अस्पताल में टीका लगाकर उसे मौत के घाट उतार दिया है। उन्होंने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि नाभा जेल में उस समय डॉक्टर न होने के कारण यह टीका जेल में बंद दो नौजवानों जो अस्पताल में काम करते हैं, द्वारा लगाया गया। जिस संबंधी जेल सुप¨रटेंडेंट भी खुद अवगत है।
बिना सबूत के बेटे को बना दिया आतंकवादी
सुखप्रीत ¨सह के खिलाफ अभी तक देश विरोधी या आतंकवादी होने के सबूत प्राप्त नहीं हुए, उसको आतंकवादी कहकर उनके परिवार के मान सम्मान को बड़ा आघात किया गया। परिजनों ने जेल मंत्री रंधावा व मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह से मांग की है कि नाभा जेल में साजिश के तहत मारे गए सुखप्रीत की मौत संबंधी उच्च स्तरीय जांच करवाकर सच को सामने लाया जाए। मौके पर अन्य के अलावा मुखतार ¨सह, महकप्रीत ¨सह,मनजीत ¨सह, हरप्रीत ¨सह, जगीर ¨सह, ब शीश ¨सह, हरपाल ¨सह,प्रदीप कुमार आदि उपस्थित थे।