रोजगार मैप को हुआ एक वर्ष पूरा, 206 युवाओं को दिलाई नौकरी
आम भारतीय में धारणा है कि हमारे शिक्षित बच्चों को यहां नौकरी नहीं मिलती तभी वे अपना करियर बनाने विदेश जाते हैं।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : आम भारतीय में धारणा है कि हमारे शिक्षित बच्चों को यहां नौकरी नहीं मिलती तभी वे अपना करियर बनाने विदेश जाते हैं। मजे की बात है कि हमने बिना किसी और तथ्य को जाने इस धारणा को अपने भीतर तक कुबूल कर लिया है व धड़ाधड़ अपने बच्चों के भविष्य के लिए उन्हें लाखों रुपए खर्च करके विदेशों में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं। मगर गुरदासपुर में रोजगार मैप नामक खोज ने ये सिद्ध कर दिया है कि ये धारणा कि हमारे शिक्षित बच्चों को यहां नौकरी नहीं मिलती गलत है। असल में हम अपने बच्चों को डिग्री और यूनिवर्सिटी के प्रमाणपत्र के आधार पर ही शिक्षित मान लेते हैं। इस खोज के पीछे कई सालों का गहन अध्य्यन करके जो सही तथ्य खोजा गया है उसका नाम है रोजगार मैप।
रोजगार मैप के सीईओ डा. संजीव सरपाल इस विषय में बताते हैं कि हम अपने बच्चों को शिक्षित बनाते हैं पर भारत में जिन कंपनियों के पास असंख्य खाली पद पड़े हैं उन्हें भरने के लिए उन्हें शिक्षित के साथ साथ प्रशिक्षित फैक्लटी की जरूरत होती है। बच्चे को शिक्षित से प्रशिक्षित करने से हजारों नौकरियां भारत में ही ऐसी मिल सकती हैं कि आप विदेश भेजने में खर्च होने वाले पैसे व समय का जोड़ करके यदि ब्याज का ही हिसाब किताब लगाएं तो पता चल जाएगा कि भारत में ही नौकरी करना ज्यादा फायदेमंद व सुविधाजनक है। उन्होंने बताया कि रोजगार मैप गुरदासपुर में एक आइटी आधारित प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कंपनी है। इसका मिशन युवाओं को सशक्त बनाकर राष्ट्र का निर्माण करना है, खासकर ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों में। पहले साल में रोजगार मैप के पास 1105 छात्र आए, जिनमें से 279 ने प्रशिक्षण लिया व 206 की बड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट भी हो गई। रोजगार मैप कालेज के छात्रों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम फिनिशिग स्कूल शुरू करने जा रहा है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए बनाया गया है, जो अपना कोर्स पूरा करने के बाद नौकरी पा सकते हैं। रोजगार मैप के ऐसे असंख्य ट्रेनिग सेंटर हम पंजाब के हर जिले व कस्बे में फ्रैंचाइजिज के रूप में शुरू करने जा रहे हैं व ये प्रक्रिया चल रही है। प्रथामिक स्तर पर हमें अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।