नशामुक्ति केंद्र के कर्मियों ने ठप किया कामकाज
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर गवर्नमेंट ड्रग डीएडिक्शन व रीहैबलीटेशन मुलाजिम यूनियन ने अपनी
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर
गवर्नमेंट ड्रग डीएडिक्शन व रीहैबलीटेशन मुलाजिम यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर सिविल अस्पताल में कामकाज ठप कर धरना दिया। उधर, स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने के कारण डीएडिक्शन सेंटर से रोजाना दवा लेने के लिए आने वाले नशा छोड़ने वाले नौजवानों को दवाई नहीं मिल सकी। जिसके चलते नौजवानों ने सिविल अस्पताल का गेट बंद कर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर पहुंचे एसएमओ द्वारा सेंटर में आए मरीजों के लिए दवा का प्रबंध करने पर स्थिति शांत हो गई।
मुलाजिम यूनियन के वक्ताओं ने बताया कि पंजाब सरकार व सेहत व परिवार भलाई विभाग हरेक जिले में नशामुक्ति व पूनर्वास सोसायटियां बना कर 2014 में उन्हें पारदर्शी व पूर्ण तौर पर सार्वजनिक नियुक्तियों द्वारा भर्ती किया गया था। करीब साढ़े तीन साल के बाद भी उन्हें वही वेतन दिया जा रहा है जो पहले दिया जा रहा है। नशामुक्ति केंद्रों, रीहैबलीटेशन केंद्रों व पंजाब सरकार द्वारा नशे की रोकथाम के लिए चलाया गया पाइलट प्रोजेक्ट कोर्ट प्रोग्राम के तहत दिनरात मेहनत, लग्न व ईमानदारी से काम कर रहे हैं। सरकार के प्रतिनिधियों और सेहत विभाग के उच्च अधिकारियों से कई बार यूनियन नेता व सदस्य अपनी मांगों को लेकर मिल चुके हैं। लेकिन उन्हें सिवाए आश्वासनों के कुछ नही मिला। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई को मुख्यमंत्री की ओर से उन्हें पंजाब भवन चंडीगढ़ मिलने के बुलाया गया था। लेकिन वह पंजाब में नशे की रोकथाम के लिए रखी गई बैठक में होने के चलते उन्हें नहीं मिल सके। जिसके चलते उनके ओएसडी संदीप ¨सह बराड़ द्वारा उनसे मांगपत्र लेकर मुख्यमंत्री से बैठक करवाने का आश्वासन दिलाया गया। लेकिन एक माह बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते यूनियन के प्रदेश प्रधान पर¨मदर ¨सह के नेतृत्व में पांच अगस्त को सर्किट हाउस लुधियाना में प्रदेश स्तरीय बैठक रखी गई। जिसके पंजाब के समूह जिले के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई न होने के चलते 20 अगस्त को पूरे पंजाब में कामकाज ठप करके प्रदर्शन का फैसला लिया गया।
क्या है मुख्य मांगें:
--जिला नशामुक्ति व पुनर्वास सोसायटी में काम कर रहे कर्मचारियों को सेहत विभाग में लेकर रेगुलर किया जाए
--जब से वह भर्ती हुए है, उन्हें एक वेतन मिल रहा है, उन्हें सलाना इंक्रीमेंट दी जाए
--जो मुलाजिम आउटसोर्स (प्राईवेट एजेंसियों) द्वारा भर्ती किए गए हैं और भर्ती किए जा रहे हैं, उन्हें सीधे तौर पर विभाग में रखा जाए
--समूह पंजाब में काम करते मुलाजिमों की आपस में एक जिले से दूसरे जिले में म्यूचल ट्रांसफर और ट्रांसफर संबंधी पालिसी बनाई जाए, ताकि अपने घरों से दूर काम करते मुलाजिम अपनी घरों के नजदीक आकर ड्यूटी कर सके नशा छोड़ने वालों ने किया विरोध:-
एक तरफ जहां केंद्र के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर रोष प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं रोजाना नशामुक्ति केंद्र में नशा छोडऩे के लिए दवा लेने आने वाले लोगों ने प्रदर्शनकारियों व अस्पताल प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सिविल अस्पताल का मेन गेट बंद करके जोरदार नारेबाजी करनी की। मौके पर पहुंची पुलिस पार्टी द्वारा अस्पताल का गेट खुलवाया गया। जिसके बाद एसएमओ डॉ. विजय कुमार मौके पर पहुंचे और मरीजों के लिए दवा का प्रबंध करवाया। जिसको देखते हुए उन्होंने अपना प्रदर्शन बंद कर दिया।
सामने आई अस्पताल प्रशासन की लापरवाही:-
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है, क्योंकि कर्मचारी यूनियन द्वारा कई दिन पहले से ही अपनी हड़ताल की घोषणा कर दी गई थी। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों के लिए कोई अन्य प्रबंध नहीं किया। उक्त कर्मचारियों द्वारा नशामुक्ति केंद्र में भर्ती 12 मरीजों के अलावा ओपीडी से दवाई लेने आने वाले 900 के करीब कर्मचारियों को दवा दी जाती है। इसका सारा रिकॉर्ड आनलाइन होता है। जिसके चलते नशामुक्ति केंद्र तैनात डाक्टर मरीजों को दवा देने में खुद में असमर्थ बता रहा था। हालांकि बाद में एसएमओ के निर्देशों पर उन्होंने आनलाइन की बजाए मरीजों को एक दिन के लिए दवा उपलब्ध करवा दी। जिससे स्थिति शांत हो गई। एसएमओ डॉ. विजय कुमार ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल होने के चलते कुछ देर के लिए नशामुक्त केंद्र में आने वाले लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ा था। लेकिन बाद में उ्न्हें दवा मुहैया करवाने का प्रबंध मुहैया करवा दिया गया।