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बस स्टैंड पर नहीं व्हीलचेयर, लड़खड़ा व रेंग रहे दिव्यांग व बुजुर्ग

गुरदासपुर के बस स्टैंड में व्हीलचेयर उपलब्ध न होने के कारण सरकार की व्यवस्था दिव्यांगों और बुजुर्गों को दर्द दे रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 11:37 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:12 AM (IST)
बस स्टैंड पर नहीं व्हीलचेयर, लड़खड़ा व रेंग रहे दिव्यांग व बुजुर्ग
बस स्टैंड पर नहीं व्हीलचेयर, लड़खड़ा व रेंग रहे दिव्यांग व बुजुर्ग

रजिदर कुमार, गुरदासपुर : गुरदासपुर के बस स्टैंड में व्हीलचेयर उपलब्ध न होने के कारण सरकार की व्यवस्था दिव्यांगों और बुजुर्गों को दर्द दे रही है। हालांकि सरकार द्वारा लाख दावे किए जा रहे हैं कि उनकी ओर से प्रत्येक वर्ग को सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं लेकिन सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। दूर-दराज के गांवों से आने वाले बुजुर्गों व दिव्यांगों को बस स्टैंड में व्हीलचेयर की बहुत जरूरत है।

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गुरदासपुर के बस स्टैंड को बने 47 साल हो चुके हैं। इस दौरान कई सरकारें आई किसी ने बस स्टैंड पर दिव्यांगों और बुजुर्गों के दर्द को समझते हुए व्हीलचेयर मुहैया नहीं करवाई। शनिवार को जागरण टीम ने सुबह 11 से लेकर दोपहर तीन बजे तक गुरदासपुर के बस स्टैंड में लाइव रिपोर्टिंग की। बस स्टैंड में व्हीलचेयर उपलब्ध न होने के कारण दिव्यांग और बुजुर्ग रेंगते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते देखे गए। बस से उतर कर रिक्शा लेने तक पैदल ही रेंगते हुए बुजुर्ग आगे बढ़े। किसी को तो डंडे का सहारा था और कई ऐसे ही रुक-रुक और बैठ कर रिक्शा तक बड़ी मुश्किल से पहुंचे।

सरकार के दावों की खुली पोल

गुरदासपुर के बस स्टैंड में रोजाना 50 से 60 की संख्या में दिव्यांग और बुजुर्ग कहीं न कहीं जाने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा इनके लिए व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध न करवाना सरकार के दावों की पोल खोल रही है।

अमृतसर बेटी से मिलने जाना है

बुजुर्ग गोपाल नाथ (70) निवासी गांव पिडोरी ने बताया कि वह बेटी को मिलने अमृतसर जा रहा है। ज्यादा आयु होने के कारण वह इतना चल-फिर नहीं सकता। वह अपने गांव से ऑटो पर बैठकर बस स्टैंड तक आया है। घुटनों में दर्द होने के कारण बड़ी मुश्किल से बैठ-बैठ कर दस से 15 मिनट के बीच बस तक पहुंचा। यदि यहां व्हीलचेयर की सुविधा हो तो कोई भी बुजुर्ग आराम से बस तक पहुंच सकता है। सहारा लेकर चलता हूं

बुजुर्ग ज्ञान सिंह (80) निवासी गांव बहरामपुर ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ गुरदासपुर में अपने रिश्तेदार को मिलने के लिए थे। शनिवार को बहरामपुर जाने के लिए बस स्टैंड पर आए हैं। अकेला नहीं आ-जा सकता हूं। परिवार के किसी सदस्य को साथ लाना मजबूरी है। बस स्टैंड में व्हीलचेयर यदि मिल जाए तो तो मेरे जैसे बुजुर्गों को काफी सहायता मिलेगी। 1973 मे बना था बस स्टैंड

गुरदासपुर का बस स्टैंड 1973 में बना था। अब बस स्टैंड को बने 47 साल हो चुके हैं। हालांकि अब तिब्बड़ी रोड पर नया बस स्टैंड निर्मित करने का सरकार ने प्रपोजल पास कर दिया है। मगर इस पुराने बस स्टैंड में सरकार द्वारा किसी भी सुविधा को उपलब्ध नहीं करवाया गया। बस स्टैंड में पानी, शौचालय, बाथरूम, सफाई की भी गंभीर समस्या है। रोजाना एक हजार से अधिक यात्री अपने गंतव्य की तरफ जाने के लिए गुरदासपुर के बस स्टैंड में पहुंचते हैं। बस स्टैंड में नहीं है व्हीलचेयर सुविधा

बस स्टैंड गुरदासपुर के स्टेशन सुपरवाइजर रमेश कुमार का कहना है कि बस स्टैंड में लंबे समय से व्हीलचेयर सरकार द्वारा उपलब्ध ही नहीं करवाई गई। रोजाना काफी संख्या में दिव्यांग और बुजुर्ग बस स्टैंड में अपने गंतव्य की तरफ बढ़ने के लिए पहुंचते हैं। उन्हें व्हीलचेयर उपलब्ध होना बहुत जरूरी है। सरकार से मांग की गई है कि बस स्टैंड में व्हीलचेयर उपलब्ध करवाई जाए। --------------

बस स्टैंड में व्हीलचेयर उपलब्ध करवाने के लिए सरकार के समक्ष मांग रखी गई है, जल्द ही बस स्टैंड में व्हीलचेयर उपलब्ध करवा दी जाएगी।

-विकास रणबीर मूधल, एडीसी। ------------

मामला ध्यान में आ गया है। गुरदासपुर के बस स्टैंड में दिव्यांगों व बुजुर्गों की सुविधा के लिए व्हीलचेयर तुरंत उपलब्ध करवा देंगे।

-रविनंदन सिंह बाजवा, चेयरमैन, जिला परिषद गुरदासपुर।


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