कायम रही परंपरा, टूट गए नियम
दशहरा पर्व पर हर साल रावण के पुतले जलाने की परंपरा इस बार कोरोना संकट के दौरान भी कायम रही।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : दशहरा पर्व पर हर साल रावण के पुतले जलाने की परंपरा इस बार कोरोना संकट के दौरान भी कायम रही। हालांकि शारीरिक दूरी रखने के साथ ही कोरोना को लेकर बाकी नियमों की खूब धज्जियां उड़ गई। अंतिम दिन तक दशहरा पर्व मनाने को लेकर असमंजस भी कायम रहा।
कोरोना संक्रमण के कारण दशहरा पर्व मनाने से विभिन्न संस्थाओं ने पहले मना कर दिया था। लेकिन लोगों की मांग के बाद गुरदासपुर शहर में शहीद नवदीप सिंह खेल स्टेडियम व स्कीम नंबर 7 तिब्बड़ी रोड पर रावण के पुतले जलाए गए। सरकारी कालेज में रावण का 20 फीट लंबा पुतला बनाया गया। कुंभकर्ण और मेघनाद के नाममात्र पुतले बढ़ाकर उन्हें अग्नि भेंट कर दिया गया। इसी तरह स्कीम नंबर 7 में केवल रावण का ही पुतला जलाया गया। दोनों जगह पर आयोजित कार्यक्रम में वधायक बरिदरमीत सिंह पाहड़ा बतौर मुख्य मेहमान उपस्थित हुए। उन्होंने रावण के को अग्नि भेंट किया। स्कीम नंबर 7 के प्रधान हरदीप सिंह रियाड़ के नेतृत्व में मंच सजाया गया और यहां पर भगवान का स्वरूप धारण कर झांकियां निकाली गई। शहीद नवदीप सिंह खेल स्टेडियम में प्रधान जोगिदर पाल कालिया, अटल शर्मा, विजय वर्मा, गोल्डन ग्रुप के चेयरमैन मोहित महाजन, कशिश कालिया, जितेंद्र परदेसी, हैप्पी कालिया, सतीश कालिया सहित काफी संख्या में क्लब के लोग उपस्थित थे। वहीं दूसरी तरफ स्कीम नंबर 7 में प्रधान हरदीप सिंह रियाड़ रजिदर नंदा, दीपक महाजन आदि लोग उपस्थित थे। कमेटियों को नहीं मिला पूरा समय
कोरोना वायरस के कारण असमंजस होने के कारण लोगों के साथ-साथ कमेटी प्रबंधकों को भी यह नहीं मालूम था कि ऐन मौके पर दशहरे की परमिशन मिल जाएगी। इस कारण रावण दहन को लेकर छोटे पुतले बनाकर उसे अग्नि भेंट कर दिया गया। फिर भी रही लोगों की भीड़
दशहरा पर्व लगने की जैसे ही लोगों में सूचना पहुंची तो लोग एकाएक सरकारी कॉलेज गुरदासपुर व स्कीम नंबर साथ में पहुंचना शुरू हो गए।रविवार की शाम जैसे ही 6:00 बजे विधायक की ओर से दोनों जगह पर रावण के पुतले को अग्नि भेंट किया गया तो इस मौके पर शहर के लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली ।जिसके बाद जय श्री राम के जयकारे लगाए गए।