कुछ ही पलों में जल गया अट्टहास करता अहंकार का प्रतीक रावण
50 फुट ऊंचे रावण सहित मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले दहन के हजारों लोग गवाह बने।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : 50 फुट ऊंचे रावण सहित मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले दहन के हजारों लोग गवाह बने। अहंकारी रावण का पुतला कुछ ही मिनटों में धू-धू कर जल गया। जिले में सबसे बड़ा पुतला सरकारी कॉलेज गुरदासपुर के मैदान में बना था। यहां हजारों लोग शाम को रावण दहन देखने आए थे। जैसे ही रावण के पुतले को आग लगी लोग जय श्रीराम के नारे लगाने लगे। उधर, जलती हुई रावण के पुतले की लकड़ी उठाने के लिए लोग दौड़ पड़े, जिसे काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
सरकारी कॉलेज गुरदासपुर में दशहरा मेला कमेटी ने दशहरा मनाया। इसमें बतौर मुख्य मेहमान विधायक बरिदरमीत सिंह पाहड़ा शामिल हुए। इनके अलावा मिल्क प्लांट गुरदासपुर के चेयरमैन बलजीत सिंह पाहड़ा और इंप्रुवमेंट ट्रस्ट गुरदासपुर के चेयरमैन रंजन शर्मा विशेष तौर पर पहुंचे। मेला कमेटी के चेयरमैन एसएस बोर्ड के चेयरमैन रमन बहल, बाल कृष्ण मित्तल, मोहित महाजन, यशपाल महाजन, प्रधान जोगिदरपाल कालिया, पवन चौहान, जतिदर परदेसी, शिवनंदा आदि ने विधायक व अन्य मुख्य मेहमानों का स्वागत किया। विधायक बरिदरमीत सिंह पाहड़ा ने कहा कि दशहरे का त्यौहार हम सदियों से मनाते आ रहे हैं। इसे बदी पर नेकी के प्रतीक के नाम से जाना जाता है। विधायक ने अपने द्वारा दशहरा कमेटी को हर संभव माली मदद देने का भरोसा दिलाया। इसके बाद रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले जलाए गए। इससे पहले शहर में विभिन्न रामलीला कमेटियों ने खूबसूरत झाकियां निकाली, जो दशहरा मेले में पहुंची।
उधर, काफी मशक्कत के बाद दशहरा मनाने की मंजूरी मिली इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की स्कीम नंबर सात में काफी लोग लंका दहन देखने पहुंचे थे। यहां प्रधान हरदीप सिंह रियाड़ की अध्यक्षता में दशहरा मेला लगाया गया। विधायक पाहड़ा ने इस मेले में भी शिरकत की और मेला कमेटी को 50 हजार रुपये सहायता राशि देने का ऐलान किया। इस मौके पर अशोक वैद, गुरमीत सिंह पाहड़ा, रजवंत सिंह बावा, रंजन शर्मा, बलजीत सिंह पाहड़ा आदि उपस्थित थे।