वेतन नहीं मिलने पर सफाई कर्मचारी भड़के, गंदगी से भरी ट्रालियां निगम के बार लगा किया प्रदर्शन
पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम के बाहर गंदगी से भरी ट्रालियां खड़ी कर धरना-प्रदर्शन कर रोष जताया।
जागरण संवाददाता, बटाला : पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम के बाहर गंदगी से भरी ट्रालियां खड़ी कर धरना-प्रदर्शन कर रोष जताया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों और मेयर की गाड़ी को भी अंदर नहीं आने दिया। करीब तीन घंटे बाद मेयर के भरोसे के बाद कर्मचारियों ने प्रदर्शन खत्म किया।
प्रदर्शन कर रहे पक्के और कांट्रैक्ट पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों ने बताया कि पिछले करीब दो महीने से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। इस कारण कर्मचारियों ने विधायक शैरी कलसी को 72 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया था, लेकिन उन्होंने एक बार भी कर्मचारियों से बात नहीं की। अल्टीमेटम का समय खत्म होने के बाद वे निगम के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। वेतन नहीं मिलने से परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। रोजाना खर्च के लिए कर्मचारियों के पास पैसे नहीं है।
कर्मचारियों ने अपनी मांगों के बारे में बताया कि मुख्य तौर पर उनकी दो मांगें हैं। पहली की ठेका कर्मचारियों समेत पक्के कर्मचारियों को पिछले दो महीने से रुका वेतन जारी किया जाए। दूसरी मांग में सफाई सेवकों की नई भर्ती प्रक्रिया के दौरान सरकार की रिजर्वेशन नीति का पुरानी नीति के तहत ही पूरा किया जाए। हालांकि 27 मई को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ सफाई कर्मचारियों के साथ मीटिग रखी गई है। उसमें भी वह मांग करेंगे की नई भर्ती प्रक्रिया के दौरान पुरानी रिजर्वेशन नीति को बहाल रखा जाए। इस दौरान मेयर सुखदीप सिंह तेजा अपनी गाड़ी पर निगम पहुंचे तो गेट के आगे सफाई कर्मचारियों ने धरने के दौरान गंदगी से भरी ट्रालियां लगा रखी थी। इस कारण जगह नहीं मिलने के कारण मेयर को गाड़ी से उतर कर पैदल ही अपने दफ्तर जाना पड़ा। कमिश्नर नहीं होने से ठेकेदार को नहीं की जा सकी है पैमेंट : मेयर
मेयर सुखदीप सिंह तेजा ने पहुंच कर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिया कि निगम के कमिश्नर का चार्ज किसी के पास नहीं होने के कारण ठेकेदार को पैमेंट नहीं की जा सकी है। एक दो दिन में कमिश्नर का चार्ज किसी अधिकारी को मिलने की उम्मीद है तब ठेकेदार को रुकी हुई पैमेंट दे दी जाएगी। जबकि नई रिजर्वेशन नीति के बारे में फैसला भगवंत मान की सरकार की तरफ से लिया जाना है। जो भी फैसला सरकार लेगी उसे लागू किया जाएगा। 46 लाख रुपये का वेतन पेंडिंग है
इस समय नगर निगम में दो फर्मो को सफाई का ठेका दिया गया है। इसमें से एक फर्म केपी इन्टरप्राइजिस और दूसरी फर्म बटाला एसके कोआपरेटिव है। नगर निगम के ठेके पर काम कर रहे करीब 225 सफाई कर्मचारी हैं। कच्चे और पक्के कर्मचारियों को करीब 46 लाख रुपये वेतन पेंडिग पड़ा हुआ है। नगर निगम में कमिश्नर का चार्ज किसी के पास नहीं होने के कारण पैमेंट नहीं की जा सकती।