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औंधे मुंह गिरे सूखे मेवों के दाम

त्योहारों के सीजन में अकसर काजू बादाम और किशमिश जैसे ड्राईफ्रूट अकसर महंगे हो जाते थे लेकिन इस बार उलटा हुआ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 08:00 AM (IST)
औंधे मुंह गिरे सूखे मेवों के दाम
औंधे मुंह गिरे सूखे मेवों के दाम

गुरदासपुर से बालकृष्ण कालिया : त्योहारों के सीजन में अकसर काजू, बादाम और किशमिश जैसे ड्राईफ्रूट अकसर महंगे हो जाते थे लेकिन इस बार उलटा हुआ। दाम कम होने की बजाय बीस फीसद तक घट गए। अंजीर को छोड़ बाकी सभी सूखे मेवों का यही हाल रहा है। कोरोना वायरस के कारण मांग में भारी गिरावट आने से कीमत में गिरावट लगातार जारी है। हालांकि दुकानदारों का कहना है कि आने वाले दिनों में दाम थोड़े बढ़ सकते हैं क्योंकि बाजार खुल गए हैं और सर्दी भी बढ़ गई है। सूखे मेवों की तासीर गर्म होने के कारण सर्दी में लोग खरीदारी करते हैं। ड्राई फ्रूट - जनवरी - जून अक्टूबर

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काजू - 800 700 - 650

काजू टुकड़ा 550 500- 400

किशमिश- 240 250- 220

छुहारा - 300 300 - 280

अखरोट - 850 550- 600

बादाम - 700 700- 590

इलायची -4000 3600- 3000

पिस्ता : 1200 900- 1000

अंजीर 750 750- 800 ---

तीन बड़े कारण

-दो महीने तो बाजार नहीं खुले जिससे आयात किया हुआ माल नहीं बिका।

-सूखे मेवों की सबसे अधिक खपत मिठाई, होटल उद्योग व शादी विवाह में होती लेकिन इस बार लाकडाउन के कारण कुछ नहीं हुआ तो मेवे भी नहीं बिके।

-गर्मी में ही साल दाम में गिरावट आती है लेकिन इस बार रिकार्ड गिरावट आई। अमेरिकी बादाम पर भी पड़ी मार

कैलिफोíनया की बादाम गिरी के दाम भी कम हुए। उसका मुख्य कारण अमेरिका व चीन की खींचतान रही। गिरी के बड़े आयातक चीन व भारत हैं। कोरोना के कारण अमेरिकी बाजार में दाम टूटकर 2.35 डालर पौंड से घटकर 1.50 डालर पौंड रह गए।

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व्यापारियों की चिंता

होलसेल व्यापारियों के पास स्टाक भारी मात्रा में पड़ा। नहीं बिका तो सुसरी (कीड़ा) लगने व नमी के कारण खराब होने का डर।

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जनवरी से गिर रहे दाम

शशि शर्मा व शाम सुंदर ने बताया कि ड्राई फ्रूट्स की कीमत जनवरी से ही गिर रही है। अब अक्टूबर चल रहा है और त्योहारी सीजन है। बावजूद इनकी बिक्री में कोई ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। यही कारण है कि इनके दाम में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। कम आ रहे ग्राहक

दुकानदार साजन कुमार ने बताया कि जनवरी के बाद से ही ड्राई फ्रूट्स की बिक्री काफी कम हो गई है। लाकडाउन में तो बिल्कुल ही बिक्री नहीं हो रही थी। अब भले ही त्योहारी सीजन है। फिर भी लोग ड्राई फ्रूट्स खरीदने की दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। काम पूरी तरह से चौपट पड़ा है।


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