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मनरेगा के तहत रोजगार देने में गुरदासपुर दूसरे स्थान पर : डीसी

डीसी मोहम्मद इशफाक की कोशिशों की बदौलत मनरेगा योजना के तहत लोगों को रोजगार देने और विकास करने के मामले में जिला गुरदासपुर ने पंजाब भर में दूसरा स्थान हासिल किया। इसकी जानकारी डीसी ने दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 03:04 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 03:04 PM (IST)
मनरेगा के तहत रोजगार देने में गुरदासपुर दूसरे स्थान पर : डीसी
मनरेगा के तहत रोजगार देने में गुरदासपुर दूसरे स्थान पर : डीसी

जागरण संवाददाता, बटाला : डीसी मोहम्मद इशफाक की कोशिशों की बदौलत मनरेगा योजना के तहत लोगों को रोजगार देने और विकास करने के मामले में जिला गुरदासपुर ने पंजाब भर में दूसरा स्थान हासिल किया। इसकी जानकारी डीसी ने दी। डीसी गांव-गांव जाकर खुद मनरेगा के कार्यो का निरीक्षण कर रहे हैं तथा प्रयास कर रहे है कि अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार मिल सके।

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डीसी ने कहा कि मनरेगा का पहला मकसद गरीब लोगों के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करना है। जब लोग मनरेगा के तहत तहत कोई भी काम करेंगे तो परिणाम गांव के विकास के रूप में सामने आएगा। मनरेगा के तहत सरकार जॉब कार्ड होल्डर को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार देने के लिए वचनबद्ध है। डीसी ने पंचायती नुमाइंदों को कहा कि वे अपने ग्राम में ज्यादा से ज्यादा पौधें लगाए। इन पौधों की संभाल के लिए मनरेगा स्कीम तहत वन मित्र को भी रख सकते हैं। 200 पौधों को पालने के लिए एक वन-मित्र रखकर उनकी संभाल के लिए मनरेगा स्कीम तहत 26 हजार रुपये प्रति वर्ष दिए जा सकते हैं।


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