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आप सरकार के बजट में जिले का हाथ रहा खाली

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आप सरकार की ओर से सोमवार को विधानसभा में अपना पहला सालाना बजट पेश किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 06:37 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 10:57 PM (IST)
आप सरकार के बजट में जिले का हाथ रहा खाली
आप सरकार के बजट में जिले का हाथ रहा खाली

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आप सरकार की ओर से सोमवार को विधानसभा में अपना पहला सालाना बजट पेश किया गया। चुनाव से पहले पंजाब की जनता को विभिन्न गारंटियां व वादे देकर लोगों को कई सपने दिखाने वाली आप सरकार के बजट पर विरोधी पार्टियों के साथ-साथ हर आम और खास की नजरें टिकी हुई थीं। हालांकि बजट में जिले को कुछ भी विशेष नहीं मिला, जिससे लोगों में मायूसी देखने को मिली।

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पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की ओर से अपनी सरकार का पहला बजट पेश किया गया। उम्मीद के मुताबिक पंजाब के इस एक लाख 55 हजार करोड़ रुपये के बजट में दिल्ली माडल का प्रभाव साफ तौर पर दिखाई दिया। खुद हरपाल चीमा ने यह माना कि दिल्ली में आप सुप्रीमो अरविद केजरीवाल की ओर से किए गए विकास कार्यो को देश-विदेश से हस्तियां देखने के लिए पहुंच रही हैं। खजाना मंत्री ने सेहत, शिक्षा व बिजली पर फोकस करने को पहल दी। बजट में कई पहल नजर आई, लेकिन दूसरी तरफ आप की ओर से दी गई गारंटियों के मुताबिक महिलाओं को एक हजार रुपये देने की घोषणा न होने के कारण महिलाओं में निराशा देखने को मिली। उधर, जिले में कई सारे प्रोजेक्ट अधर में हैं, जिनके लिए कोई घोषणा नहीं होने से लोगों को निराशा हाथ लगी है। इंडस्ट्री की अनदेखी होने से बटाला के उद्यमी निराश

आम आदमी पार्टी के सरकार के पहले बजट से जिला निवासियों को काफी उम्मीदें थी। लेकिन फिलहाल जिले को कोई भी विशेष सुविधा नहीं मिली। वित्त मंत्री ने बजट से पहले बटाला के उद्योगपतियों से विशेष रूप से बैठक की थी। लेकिन बजट आने के बाद बटाला के उद्योगपतियों का मानना है कि सरकार के पहले ही बजट ने बटाला की स्माल स्केल इंड्रस्ट्री को अनदेखा कर दिया। इस कारण उद्यमियों में सरकार के खिलाफ रोष पाया जा रहा है। मकौड़ा पत्तन पर पुल निर्माण भी अधर में

इसी तरह केंद्र व पंजाब सरकार के नेताओं में अटका मकौड़ा पत्तन पर पुल की समस्या संबंधी कोई घोषणा नहीं की गई। इससे इस पुल का निर्माण भी अधर में दिख रहा है। इसी तरह धारीवाल की वूलन मिल को पुनर्जीवित करने को लेकर भी सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि पंजाब सरकार द्वारा जो 16 मेडिकल कालेज बनाने की घोषणा की गई है, उस पर अब जिले के लोगों की नजरें टिक गई हैं कि मेडिकल कालेज जिले के हिस्से आता है या नहीं।


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