पंजाब बंद को लेकर सिख-हिंदू संगठन आमने-सामने, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पंजाब में विभिन्न सिख संगठनों व गर्मख्याली नेताओं की ओर से 25 जनवरी को पंजाब बंद का आह्वान किया गया है। इसको लेकर सिख संगठनों और हिंदू संगठन आमने-सामने हो गए हैं।
गुरदासपुर/काहनूवान, जेएनएन। पंजाब में विभिन्न सिख संगठनों व गर्मख्याली नेताओं की ओर से आज (25 जनवरी) को पंजाब बंद का आह्वान किया गया है। यह केंद्र सरकार की ओर से पास किए गए बिलों के विरोध में किया गया है। दूसरी तरफ हिंदू संगठनों ने बंद का विरोध करते हुए डीसी को इस संबंधी मांगपत्र दिए हैं। इससे सिख और हिंदू संगठन आमने-सामने आ गए हैं। इसके देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
सिख संगठनों की ओर से जिन मुख्य मुद्दों पर बंद का आह्वान किया गया है, उनमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, नागरिकता संशोधन कानून, विभिन्न विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों पर हुए हमले, एनआरसी व पीएनआर जैसे कानून शामिल हैं। दूसरी तरफ इसके जवाब में विभिन्न हिंदू संगठनों की ओर से बंद के आह्वान को गैर वाजिब व गैर कानूनी बताया जा रहा है।
गत दिन हिंदू सगंठनों ने शिवसेना के नेतृत्व में डीसी को लिखित मांग पत्र सौंपा गया था। उन्होंने तर्क दिया था कि अनुच्छेद 370 व अन्य मुद्दे संविधानिक हैं, जोकि सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए हैं। मोदी सरकार की ओर से नागरिका संशोधन कानून व अन्य कानूनों संबंधी आपसी विचार करने की जरूरत है ना कि बंद के आह्वान से पंजाब के माहौल को खराब करने की।
इस तरह बंद के समर्थन में सिख संगठनों व हिंदू संगठनों में अलग-अलग राय होने के कारण तनाव का माहौल बना हुआ है। इसके चलते सिविल व पुलिस प्रशासन हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं। शुक्रवार को जिला पुलिस द्वारा शहर में फ्लैग मार्च भी निकाला गया। काबिलेजिक्र है कि 2012 में बलवंत सिंह राजोवाणा को फांसी की सजा सुनाने पर सिख संगठनों द्वारा बंद की आह्वान के दौरान गुरदासपुर में शिवसैनिक व अन्य हिंदू संगठनों और सिख संगठनोंके बीच तकरार होने के कारण शहर में भारी तनाव पैदा हो गया था। इस दौरान एक नौजवान की फायरिंग के दौरान मौत हो गई। इसको लेकर शहर में क्फर्यू तक लगाना पड़ा था।
बंद का विरोध : अशोक महाजन
व्यापार मंडल के प्रधान अशोक महाजन का कहना है कि बंद की काल बिल्कुल गलत है। व्यापार मंडल इसका समर्थन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा जबरन दुकानें बंद करने का दबाव बनाया गया तो उसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं : एसएसपी
एसएसपी स्वर्णदीप सिंह का कहना है कि पुलिस प्रशासन किसी भी पक्ष को कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं देगा। पुलिस द्वारा संभावित हालात को देखते हुए शहर में भारी पुलिस तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंधी 24 जनवरी की शाम को सिविल प्रशासन की ओर से बंद में शामिल और विरोध करने वालों के साथ तालमेल किया जा रहा है।