करतारपुर साहिब जाने के लिए उमड़े श्रद्धालु, डेरा बाबा नानक में अद्भूत नजारा, सड़कों पर लगा जाम
kartarpur Corridor से होकर श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब डेरा बाबा नानक में उमड़ पड़ा है। डेरा बाबा नानक आने वाली सड़कों पर भारी जाम लग गया है।
डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर), जेएनएन। 72 साल की अरदास के बाद खुलने जा रहे करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं का सैलाब भारत-पाक सीमा के नजदीक डेरा बाबा नानक में उमड़ पडा़ है। डेरा बाबा नानक आने वाली सभी सड़कों पर सुबह से ही भारी जाम लगा हुआ है। वीरवार को हुई बरसात के कारण श्रद्धालु थोड़ा मायूस हो गए थे, लेकिन शुक्रवार को जैसे ही मौसम साफ हुआ श्रद्धालु डेरा बाबा नानक स्थित गुरुद्वारा साहिब में पहुंचने शुरू हो गए हैं। उनका उत्साह देखते ही बन रहा है।
टेंट सिटी में पानी भरने के कारण लोग अभी अपने-अपने रिश्तेदारों और करीबियों के पास रुक रहे हैं। 12 नवंबर को गुरु नानक साहिब के 550वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए यहां निश्चित तौर पर श्रद्धालुओं का बड़ा सैलाब आएगा। शनिवार को डेरा बाबा नानक में श्रद्धालु की भारी भीड़ नजर आ रही है।
श्रद्धालुओं की बढ़ती आमद को देखते हुए आस-पास के गांववासियों ने फिर से लंगर व्यवस्था को तेज कर दिया है। वीरवार को हुई बरसात के कारण उनकी ओर से पहले की गई सारी व्यवस्था चौपट हो गई। सीमा पर होने के कारण पिछड़े हुए इस इलाके में श्रद्धालुओं की आमद बढऩे से स्थानीय निवासी भी खासे खुश थे। खास तौर पर बच्चों में आगे बढ़कर लंगर वितरित करने का चाव उमड़ रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शनिवार को पहली बार यहां आ रहे हैं। उन्हें देखने की उत्सुकता भी सीमावर्ती इलाकों के लोगों में ज्यादा देखी जा रही है। कॉलेज के विद्यार्थी भी पहुंचे हैं और सेल्फी लेते देखे गए।
करतारपुर साहिब के दर्शन करने आए श्रद्धालु जगीर सिंह, तेजवीर सिंह, हरनामसिंह, हरदेवसिंह, जसवीर सिंह काहलों, सुखदेव सिंह, मनदीपसिंह, हरजिंदर सिंह, अवतार सिंह लाडी, कमलप्रीतसिंह आदि ने बताया कि श्री करतारपुर कॉरिडोर के खुलने से दुनिया भर के सिखों में खुशी की लहर है। देश के कोने-कोने से सिख संगत दर्शन करने के लिए बेताब हैं। वह बहुत ही खुशनसीब हैं कि वे पाकिस्तान जाकर श्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने अरदास की कि वाहेगुरु करतारपुर कॉरिडोर हमेशा ही खुला रहे।