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अभी भी राजनीतिक विज्ञापनों की भरमार

लोकसभा चुनावों को लेकर भले ही जिला प्रशासन द्वारा आचार संहिता लगा दी गई है लेकिन इसके बावजूद भी शहर में इन दिनों विज्ञापनों की भरमार हैं। ऐसा नहीं है कि राजनीतिक प्रतिनिधियों के विज्ञापन किसी एक स्थान पर देखने को मिल रहे हो बल्कि शहर के दर्जन के करीब विभिन्न मार्गों पर ऐसे विज्ञापनों की भरमार है। जिन प्रशासनिक अधिकारियों को विज्ञापनों को हटाना है वह अपने कार्यालयों में बैठकर लाचार बने पड़े हैं। बता दें कि राजनीतिक पार्टियों के अतिरिक्त कई विज्ञापन करता ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने विज्ञापनों को सरकारी संपत्तियों पर लगाया हुआ है जोकि सरासर नियमों के विपरीत है। सबसे अहम बात यह भी है कि ऐसा नहीं है कि वह शहर कि सरकारी संपत्तियों पर लगे विज्ञापनों से अवगत नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 11:22 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 11:22 PM (IST)
अभी भी राजनीतिक विज्ञापनों की भरमार
अभी भी राजनीतिक विज्ञापनों की भरमार

शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर

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लोकसभा चुनावों को लेकर भले ही प्रशासन द्वारा आचार संहिता लगा दी गई है, लेकिन शहर में इन दिनों विज्ञापनों की भरमार है। ऐसा नहीं है कि राजनीतिक प्रतिनिधियों के विज्ञापन किसी एक स्थान पर देखने को मिल रहे हों, बल्कि शहर के दर्जन के करीब विभिन्न मार्गो पर ऐसे विज्ञापनों की भरमार है। जिला प्रशासनिक अधिकारियों को विज्ञापनों को हटाना है वह अपने कार्यालयों में बैठकर लाचार बने पड़े हैं। बता दें कि राजनीतिक पार्टियों के अतिरिक्त कई विज्ञापनकर्ता ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने विज्ञापनों को सरकारी संपत्तियों पर लगाया हुआ है, जोकि सरासर नियमों के विपरीत है। ऐसा नहीं है कि वह शहर कि सरकारी संपत्तियों पर लगे विज्ञापनों से अवगत नहीं है, लेकिन जानने के बावजूद भी कोई कार्रवाई न करना कौंसिल अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से शहर के शिक्षण सामाजिक व अन्य संस्थाओं की ओर से अपने विज्ञापनों को सरकारी संपत्तियों पर भी लगा दिया गया है। हालांकि यह सारा गैर कानूनी है फिर भी कौंसिल अधिकारियों की बेबसी के चलते शहर में विज्ञापनों की भरमार प्रतिदिन बढ़ती ही चली जा रही है। शहर में कहां-कहां हैं राजनीतिक विज्ञापन

दीनानगर के रेलवे स्टेशन रोड, सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास, पीडब्ल्यूडी कार्यालय के पास, बस स्टैंड, काली माता मंदिर रोड, मगराला रोड, तारागढ़ रोड, सर्कुलर रोड सहित कई ऐसे मार्ग हैं जहां राजनीतिक विज्ञापन लगे हुए हैं। मॉनिटरिग कमेटी को की जाती है आचार संहिता के दौरान शिकायत

बता दें कि प्रशासन द्वारा चुनावों के दौरान आचार संहिता लगने के दौरान मॉनिटरिग कमेटी गठित की जाती है, जो आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले शिकायतों का निवारण करती है। इस मॉनिटरिग कमेटी द्वारा लोगों की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाता है, जिसके चलते लोग फोटो वीडियो को अपलोड करके हो रहे उल्लंघन की सूचना मॉनिटरिग कमेटी को दे सकते हैं। जल्द की जाएगी कार्रवाई : ईओ

ईओ अनिल मेहता का कहना है कि आचार संहिता लगने के कारण अब वह अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर अभी शहर में लगे विभिन्न राजनीतिक विज्ञापनों को हटाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त जिन संस्थानों की ओर से अवैध रूप से विज्ञापन लगाए गए होंगे उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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