मशीनरी पहुंची, एक सप्ताह के भीतर मरीजों को सांसें देने लगेगा आक्सीजन प्लांट
पिछले करीब दो माह से सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट के लिए आने वाली मशीनरी को लेकर चल रहे तारीख पर तारीख का सिलसिला आखिरकार खत्म हो गया है।
राजिदर कुमार, गुरदासपुर
पिछले करीब दो माह से सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट के लिए आने वाली मशीनरी को लेकर चल रहे तारीख पर तारीख का सिलसिला आखिरकार खत्म हो गया है। बुधवार को देर शाम अस्पताल में दिल्ली से जरूरी मशीनरी पहुंच गई है। मशीनरी पहुंचने के बाद वीरवार को कंपनी के कर्मचारियों ने पाइप लाइन से कनेक्शन जोड़ने का काम तेजी से शुरू कर दिया। उधर, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. रोमी राजा महाजन का कहना है कि तीन दिन तक आक्सीजन प्लांट का काम मुकम्मल हो जाएगा और लगभग एक सप्ताह के भीतर प्लांट मरीजों को सांसें देने लगेगा।
काबिलेजिक्र है कि आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए सिविल अस्पताल में कंस्ट्रक्शन का काम पूरी तरह से मुकम्मल हो चुका है। कंपनी द्वारा जनरेटर भी लगा दिया गया है, लेकिन मशीनरी न आने के कारण लगभग डेढ़ महीना प्लांट का काम बंद रहा। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा भेजी जाने वाली मशीनरी पहले 17 जून, फिर एक जुलाई और फिर 15 जुलाई को अस्पातल पहुंचने की बात कही जा रही थी, लेकिन उक्त तारीखों पर मशीनरी नहीं पहुंची। यही कारण था कि प्लांट का काम लगातार लटकता जा रहा था। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा जब मई महीने प्लांट का काम शुरू किया गया था तो उस समय एक जून को आक्सीजन प्लांट मरीजों के सुपुर्द करने का दावा किया गया था। मगर मशीनरी लेट आने के कारण प्लांट का काम तकरीबन दो महीने पिछड़ गया है।
कोरोना महामारी जब पीक पर थी तो उस समय आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों के जिलों में चल रहे सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए थे। इसी के चलते जिला गुरदासपुर में सिविल अस्पताल बब्बरी में आक्सीजन प्लांट लगाने का प्रोजेक्ट शुरू किया गया। हालांकि अस्पताल में फरवरी में पाइप लाइन डालने का काम शुरू किया गया, जो अप्रैल के अंत में मुकम्मल कर लिया गया। इसके बाद प्लांट रखने के लिए जगह निर्धारित की गई। मई महीने में प्लांट के लिए एक शेड का निर्माण किया गया। उधर, सिविल सर्जन डा. हरभजन राम मांडी ने बताया कि केंद्र सरकार ने हाईटेक नामक कंपनी को यह काम सौंपा है। इस प्लांट पर 50 से 60 लाख रुपये का खर्च होगा। दूसरी तरफ सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगने से आइसोलेशन वार्ड व अन्य मरीजों को आक्सीजन की किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। अस्पताल के सभी 100 बेडों पर पाइपलाइन बिछा दी गई है। इस प्लांट का फायदा जहां सिविल अस्पताल को होगा। वहीं बाहर से मंगवाई जाने वाली आक्सीजन का खर्च भी बचेगा। इसके अलावा अन्य निजी अस्पतालों को भी आक्सीजन प्रोवाइड करवाई जाएग। उन्होंने बताया कि इस प्लांट में रोजाना 500 एलपीएम (लीटर पर मिनट) आक्सीजन तैयार होगी।
सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने में लगी कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि मशीनों को शे में उनकी ओर से लगा कर दिया गया है। लेकिन मशीनों को आपस में कनेक्ट करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली से अभी और सामग्री आ रही है। सामग्री आने के बाद वह शनिवार तक प्लांट का काम पूरी तरह से मुकम्मल कर देंगे। इसके बाद प्लांट चालू हो जाएगा और अस्पताल के सभी बेडों पर आक्सीजन सप्लाई शुरु हो जाएगी। धारीवाल व बटाला में आक्सीजन प्लांट का काम जल्द शुरू होने के चांस बढ़े
सिविल अस्पताल गुरदासपुर में आने वाले दिनों में आक्सीजन प्लांट शुरू होने की उम्मीद है। वहीं इसके साथ ही धारीवाल और बटाला के सरकारी अस्पतालों में भी प्लांट का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि धारीवाल में लगने वाले प्लांट के लिए राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा द्वारा अपने एमपी लैंड फंड से एक करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। डीसी मोहम्मद इशफाक का कहना है कि पहले धारीवाल और फिर बाद में बटाला में प्लांट का काम शुरू करने की योजना है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारी
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सितंबर महीने तक कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है। इसी को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी की जा रही है। यही कारण है कि सिविल सर्जन द्वारा मशीनरी जल्द भेजने को लेकर केंद्र सरकार को कई बार पत्र लिखा गया। अब मशीनें आ गई हैं। इसके बाद धारीवाल व बटाला में प्लांट लगाने की तैयारियों पर भी जिला प्रशासन की चर्चा शुरू हो गई है। प्लांट का काम प्रशासन इसलिए जल्द मुकम्मल करना चाहता है कि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत न हो। वहीं तीसरी लहर के लिए बेड भी आरक्षित कर रखे हैं। आक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी : सीएस
सिविल सर्जन डा. हरभजन राम मांडी का कहना है कि जिले में मरीजों को आक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी। मरीजों के लिए जिले में तीन आक्सीजन प्लांट लगेंगे। एक का काम कंप्लीट होने वाला है। जबकि दो का काम भी जल्द शुरू होने जा रहा है।