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आसमान पर डीजल के दाम, जमीन पर बस चालकों का काम

पहले कोरोना महामारी और अब पेट्रो पदार्थो की लगातार बढ़ती जा रही कीमतों के कारण मिनी बस चालकों का काम पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:00 AM (IST)
आसमान पर डीजल के दाम, जमीन पर बस चालकों का काम
आसमान पर डीजल के दाम, जमीन पर बस चालकों का काम

महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर

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पहले कोरोना महामारी और अब पेट्रो पदार्थो की लगातार बढ़ती जा रही कीमतों के कारण मिनी बस चालकों का काम पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। बसों में सवारियां न बैठने के कारण टाइम टेबलों पर बसें चलनी भी बंद हो चुकी है। इससे बस चालकों को अपने घरों के गुजारे करना भी कठिन हो चुका है। जानकारी के मुताबिक कलानौर से बटाला रूट पर चार मिनट और कलानौर-गुरदासपुर रूट पर तीन मिनट की सर्विस है। इस समय कोरोना के कारण सवारियों की कमी और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने से उक्त रूटों पर मात्र 25 फीसद बसें ही चल रही हैं।

गौरतलब है कि जब से कोरोना महामारी ने देश को चपेट में लिया हुआ है, तब से ही लोगों का काम बढ़ने की बजाए कम ही होते जा रहे है। कोरोना काल से पहले बसों में खचाखच सवारियां भरी होती थी। इससे बस चालक अच्छी कमाई कर लेते थे, मगर अब मौजूद हालात यह है कि लोग बसों में सफर करने की बजाए अपने वाहनों पर ही सफर करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

बस चालकों ने बताया कि पहले बसें उक्त मार्गो पर सभी रूटों पर टाइम टेबल पर चलती थी, मगर कोरोना महामारी के दौरान बसें बंद होने के बाद सरकार द्वारा गाइडलाइन को मुख्य रखते हुए भले ही बसें चलाने का आदेश जारी किए है। मगर बड़े दुख की बात है कि लोग कोरोना के भय के कारण बसों में सफर करने में कम प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि कलानौर से बटाला का एक चक्कर लगाने के लिए 1100 के करीब बस का तेल खर्चा लग जाता है। उन्होंने कहा कि बस चालक दिन में चार चक्कर लगाते हैं तो उनका 4400 रुपये तेल की खपत होती है। जबकि हेल्पर व कंडक्टर को 200 और चालक को प्रति दिहाड़ी 400 रुपये दिए जाते हैं। इससे कुल मिलाकर 5200 रुपये रोजाना खर्चा आ जाता है। जबकि सरकार ने मिनी बस में 16 के करीब सवारियां बैठने की हिदायतें दी हुई है। इस समय सवारियां कम होने के कारण बसें खाली ही चक्कर लगा रही हैं। उन्होने कहा कि एक साल पहले डीजल प्रति लीटर 62 रुपये के करीब था, जबकि इस समय डीजल 90 रुपये प्रति लीटर पहुच चुका है। डीजल की कीमतें आसमान को छूने और सवारियां कम बैठने के चलते मिनी बस चालकों का कारोबार ठप होता जा रहा है। यदि इसी तरह ही कोरोना महामारी का असर रहा तै मिनी बस चालक अपनी बसें बंद करके अन्य कारोबार करने को मजबूर होंगे। छह माह में पेट्रोल व डीजल के बढ़े दाम

महीना - पेट्रोल - डीजल

जनवरी - 87.83 - 78.61

फरवरी - 92.70 - 83.72

मार्च - 92.90 - 83.90

अप्रैल - 92.53 - 83.50

मई - 95.74 - 87.47

जून- 99.18 - 90.68

नोट : कीमत रुपये में


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