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जल संरक्षण के लिए युवाओं ने बढ़ाए कदम

कलानौर पानी के गिर रहे स्तर को ऊपर उठाने के लिए भले ही समय समय की सरकारों की तरफ से दावे किए जा रहे हैं। वहीं ऐतिहासिक कस्बा कलानौर जिसको सालाना करोड़ों रुपये आमनद है के वातावरण प्रेमी नौजवानों द्वारा बारिश के पानी को संभालने के लिए जेब खर्च से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करवाकर मिसाल पैदा की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 04:32 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 04:32 PM (IST)
जल संरक्षण के लिए युवाओं ने बढ़ाए कदम
जल संरक्षण के लिए युवाओं ने बढ़ाए कदम

महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर : पानी के गिर रहे स्तर को ऊपर उठाने के लिए भले ही समय समय की सरकारों की तरफ से दावे किए जा रहे हैं। वहीं ऐतिहासिक कस्बा कलानौर जिसको सालाना करोड़ों रुपये आमनद है, के वातावरण प्रेमी नौजवानों द्वारा बारिश के पानी को संभालने के लिए जेब खर्च से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करवाकर मिसाल पैदा की है।

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जानकारी के अनुसार कलानौर गुरदासपुर मार्ग पर स्थित बाबा कार स्टेडियम में कलानौर के वातावरण प्रेमियों एनआरआई वीरों के सहयोग से बारिश के पानी को जमीन में संभालने के लिए तैयार प्रोजेक्ट पर करीब 60 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। इस प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहे मिस्त्री बलविदर सिंह, चंचल कुमार, अग्रवाल, हरदीप सिंह, मुनीष कुमार, संदीप कुमार, कर्मजीत सिंह काहलों, मास्टर दलजीत सिंह खालसा, परमप्रीत ढिल्लों, जार्ज मसीह, बाबा बीता, मनोहर लाल, प्रधान बूटा राम आदि ने बताया कि पानी को संभालने के लिए एनआरआइ वीर महकप्रीत बाजवा, हरमन गोराया, गुरप्रीत सिंह के सहयोग से प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।

यदि हम पानी को बचाने के लिए सचेत न हुए तो आने वाले समय में हमारी पीढि़यों को पानी की बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ेगा। पानी के बिना हमारी जिदगी मुश्किल है। इसलिए पानी को बचाने के लिए हमें एकजुट होकर चलने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि नौजवानों के सहयोग से बाबा कार स्टेडियम में बनाए गए बारिश के पानी को संभालने के लिए प्रोजेक्ट में दो गहरे गड्ढे जिनकी गहराई 13 फीट और चौड़ाई 2.5 फीट है। इन गड्ढों में 50-50 फीट गहरा बोर करवाए गए हैं। जिनमें छह इंच पाइप डाली गई है।

चंचल कुमार अग्रवाल ने बताया कि इन गड्ढों की पांच परतों में प्रथम, गटका, दूसरी कोला, तीसरी बजरी, चौथी रेत और पांचवी गटका डाला गया है, जिसके माध्यम से इन गड्ढों में इकट्ठा करके पाया गया पानी साफ होकर धरती में जाएगा।

पानी को बचाने की जरूरत

हरदीप सिंह मठारु ने कहा कि पानी के गिरते स्तर को बचाने के लिए हम सभी को सचेत होना होगा। इस प्रोजेक्ट को मुकम्मल करने के लिए कैप्टम महिदर सिंह काहलों, जार्ज मसीह, स्वर्ण सिंह समाज सेवक का अहम योगदान रहा है।


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