ब्लैक स्पाट बने जान के दुश्मन
जिले के ब्लैक स्पाट लोगों की जान के दुश्मन बन चुके हैं।
जिले के ब्लैक स्पाट लोगों की जान के दुश्मन बन चुके हैं। ब्लैक स्पॉट हर साल सड़क दुर्घटनाओं में घरों के चिराग निगल जाते हैं। नेशनल हाईवे अथारिटी की ओर से हाईवे तैयार करते समय लिक रोड व चौरास्तों वाले मार्गो पर बहुत सी कमियां छोड़ी गई हैं। इस कारण लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। इतने हादसे होने के बावजूद संबंधित विभाग कमियों को दूर करने की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। हालांकि गत वर्ष आरटीए बलदेव सिंह रंधावा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर ब्लैक स्पाट की कमियों को दूर करने की बात कही थी, लेकिन यह मुद्दा केवल बैठक तक ही सीमित रहा। अब भी लगातार हादसों में लोग अपनी जानें गंवा रहे हैं।
राजिदर कुमार, गुरदासपुर।
ये हैं जिले के ब्लैक स्पाट
दीनानगर झांगी, मगराला बाईपास दीनानगर निकट राधा स्वामी सत्संग भवन, स्टेट बैंक आफ इंडिया पनियाड़, गुरदासपुर लड़कों की आइटीआइ, परशुराम चौक गुरदासपुर, पुलिस पोस्ट बब्बरी, गुरुद्वारा साहिब सोहल धारीवाल, तिब्बड़ी पुल, जौड़ा छित्तरां, गुरुद्वारा नौशहरा मज्झा सिंह रोड, सचेतगढ़ बटाला, खोखर फौजियां बटाला, गांव मल्लू द्वारा बटाला, खातीब बाईपास बटाला, एसएसपी आफिस बटाला, सुनैया बाईपास बटाला, अमृतसर बाईपास बटाला, ट्रैफिक लाइट चौक श्रीहरगोबिदपुर, मारुति सुजूकी सर्विस जोन बटाला, लायलपुरी रिजोर्ट मिसरपुरा बटाला। इन ब्लैक स्पाट पर कई सड़क हादसे हुए हैं। डिजिट-
--23 ब्लैक स्पाट हैं जिले में।
-08 साल में सबसे ज्यादा बरियार बाईपास पर 323 हादसे हुए। इनमें 30 से अधिक लोगों की जान चली गई।
--08 साल में अमृतसर बाईपास बटाला में 180 हादसे हुए। इनमें 20 से अधिक लोगों की जान चली गई।
--2018 में सबसे ज्यादा 177 हादसे हुए। इनमें 41 लोगों की जान चली गई।
---2000 से अधिक वाहन ब्लैक स्पाट पर हुए हादसों में क्षतिग्रस्त। ये थानों में पड़े हैं।
--1000 से अधिक केस थानों में दर्ज हैं ब्लैक स्पाट पर हुए हादसों के। ---ग्राफ
--आठ साल के भयानक आंकड़े
--1044 हादसे हुए ब्लैक स्पाट पर।
--204 लोगों की गई जान।
ब्लैक स्पाट पर कितने हुए हादसे
साल - हादसे - मौत
2013 - 97 - 15
2014 - 117 - 19
2015 - 139 - 26
2016 - 168 - 31
2017 - 147 - 27
2018 - 177 - 41
2019 - 142 - 33
2020 - 57 - 12 क्या हैं ब्लैक स्पाट
नेशनल हाईवे पर एक साल में एक ही जगह तीन मौतें हो जाएं तो उस जगह को ब्लैक स्पाट की लिस्ट में शामिल किया जाता है। वहीं स्टेट हाईवे पर साल में एक ही जगह यदि पांच मौतें हो जाएं तो उस जगह को ब्लैक स्पाट में शामिल किया जाता है। --कोट्स
जल्द दूर करवाई जाएंगी खामियां : आरटीए
आरटीए बलदेव सिंह रंधावा का कहना है कि जल्द ही ब्लैक स्पाट की खामियों को दूर किया जाएगा। कुछ कारणों के कारण ब्लैक स्पाट की खामियां दूर नहीं हो पाई हैं। अब सभी फार्मेलिटी पूरी कर ली गई है। खामियों को दूर करने के निर्देश देंगे : डीसी
डीसी मोहम्मद इशफाक का कहना है कि ब्लैक स्पाट पर बहुत हादसे हो रहे हैं। ब्लैक स्पाट की खामियों को दूर करने के सख्त निर्देश दिए जाएंगे।